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Question -

किसी धातु की विशिष्ट ऊष्मा धारिता के प्रयोग में 0.20 kg के धातु के गुटके को 150°C पर तप्त करके, किसी ताँबे के ऊष्मामापी (जल तुल्यांक = 0.025 kg) जिसमें 27°C का 150 cm3 जल भरा है, में गिराया जाता है। अन्तिम ताप 40°c है। धातु की विशिष्ट ऊष्मा धारिता परिकलित कीजिए। यदि परिवेश में क्षय ऊष्मा उपेक्षणीय न मानकर परिकलन किया जाता है, तब क्या आपका उत्तर धातु की विशिष्ट ऊष्मा धारिता के वास्तविक मान से अधिक मान दर्शाएगा अथवा कम?



Answer -

धातु के गुटके काद्रव्यमान m =0.20 किग्री
माना इसकी विशिष्ट ऊष्मा = s
जल तथा ऊष्मामापी कीताप T2 =27°C
मिश्रण को प्रारम्भिक तापT1 = 150°C
मिश्रण का अन्तिम तापT = 40°C
ऊष्मामापी का तुल्यांक W = Ms = 0.025 किग्रा
जल का आयतन = 150 सेमी3 = 150 x 10-6 मी3
जल का घनत्व = 103 किग्रा/मी3
जलेका द्रव्यमान M = आयतन x घनत्व
= 150 x 10
-6 मी3 x 103 किग्रा/मी3 = 0.150 किग्रा
धातु के गुटके द्वारा दीगयी ऊष्मा = m x s x (T1 – T)
= 0.20 x s x (150-40) = 0.20 x 110 x s
(
ऊष्मामापी + जल) द्वारा ली गयी ऊष्मा=(mजल x Sजल + W)x (T – T2)
=(0.150 x 1+ 0.025) x (40-27)
=(0.175 x 13)
किलोकैलोरी
कैलोरीमिति के सिद्धान्त से,
दी गयी ऊष्मा = लीगयी ऊष्मा
0.20 x 110 x 5 = 0.175 x 13
किलोकैलोरी/किग्रा-°C
= 0.103
किलोकैलोरी/किग्रा-K

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