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Chapter 1 सम्बन्ध एवं फलन (Relations and Functions) Ex 1.2 Solutions

Question - 1 : - सिद्ध कीजिए कि f(x) =   द्वारा परिभाषित फलन f : R* → R* एकैकी तथा आच्छादक है, जहाँ  R* सभी ऋणेतर वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है। यदि प्रान्त R* को N से बदल दिया जाए, जबकि सहप्रांत पूर्ववत  R* ही रहे, तो भी क्या यह परिणाम सत्य होगा?

Answer - 1 : -

(i) दिया है, f (x) = यदि f (x1) = f (x2)    

x1 = x2
अत:
प्रान्त के प्रत्येक अवयव का एक ही प्रतिबिम्ब है।
अतः
f
एकैकी फलन है।

(ii)
दिया है

y = 
x = 

y ≠ 0
सहप्रान्त का प्रत्येक अवयव प्रान्त में क्रमश: एक ही अवयव का प्रतिबिम्ब है।
f आच्छादक फलन है।
f एकैकी आच्छादक फलन है।

(b)
यदि प्रान्त R को N से बदल दिया जाता है तब सहप्रान्त R वही रहे तो f : N → R
जब f (x1) = f(x2)
 
 = 
x1 = x2  N
 
  f एकैकी है।
परन्तु सहप्रान्त का प्रत्येक अवयव प्रान्त के अवयव का प्रतिबिम्ब हो।

इस प्रकार f एकैकी है परन्तु आच्छादक नहीं है। (इति सिद्धम्)

Question - 2 : - निम्नलिखित फलनों की एकैक (Injective) तथा आच्छादी (Surjective) गुणों की जाँच कीजिए :
(i) f (x) = x2 
द्वारा प्रदत्त f : N → N फलन है।
(ii) f (x) = x2  
द्वारा प्रदत्त f : Z → Z फलन है।
(iii) f (x) = x2 
द्वारा प्रदत्त f : R → R फलन है।
(iv) f (x) = x3  
द्वारा प्रदत्त f : N → N फलन है।
(v) f (x) = x3  
द्वारा प्रदत्त f : Z → Z फलन है।

Answer - 2 : -

(i)
दिया है, f ( x ) = x2 और  f : N → N
(a)
f ( x) = f ( x
 
  x1 =x2 ,
  x1 =x2  N
एकैकी है।
(b)
परन्तु सहप्रान्त में ऐसे कुछ अवयव हैं जो प्रान्त के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं हैं।

उदाहरणार्थ :
माना 3 सहप्रान्त में है तो 3 प्रान्त के किसी भी अवयव को प्रतिबिम्ब नहीं होगा।
f आच्छादक नहीं है।
अत:
f
एकैकी है परन्तु आच्छादक नहीं है।

(ii)
f (x) = x2   f : Z → Z ,
जबकि  f (x) = x
(a)
f (-1) = f (1) = 1
-1 और 1 का प्रतिबिम्ब 1 है।
प्रान्त के दो भिन्न-भिन्न अवयवों -1 और 1 का परिसर R में एक ही f-प्रतिबिम्ब 1 पर है।
प्रतिबिम्ब समान है।
f एकैकी नहीं है।
(b)
सहप्रान्त में ऐसे अवयव हैं जो प्रान्त के किसी अवयव में प्रतिबिम्ब नहीं हैं।
उदाहरणार्थ-3
सहप्रान्त में है, परन्तु 3 प्रान्त के किसी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
f आच्छादक नहीं है।
अत:
f
तो एकैकी है और ही आच्छादक है।

(iii)
f : R → R,
यदि f (x) = x2
(a)
( -1 )= (1)2 = f (-1) = f (1)
अतः
-1
और 1 का प्रतिबिम्ब 1 है। अर्थात् प्रान्त के दो भिन्न-भिन्न अवयवों -1 और 1 का परिसर R में एक ही f- प्रतिबिम्ब 1 है। अर्थात् प्रतिबिम्ब समान है,
f एकैकी नहीं है।
(b)
-2
सहप्रान्त में है परन्तु यह प्रान्त के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
अत:
f
आच्छादक नहीं है।
f तो एकैकी है और ही आच्छादक है।


Question - 3 : - सिद्ध कीजिए कि f(x) = [x] द्वारा प्रदत्त महत्तम पूर्णाक फलन f : R – R, न तो एकैकी है और न आच्छादक है, जहाँ [x], x से कम या उसके बराबर महत्तम पूर्णांक को निरूपित करता है।

Answer - 3 : -

स्पष्ट है कि f(x) का प्रान्त = R
तथा f(x) = 0 Y x e[0, 1)
f : R → R एकैकी नहीं है।
पुनः f(x) केवल पूर्णांक मान ग्रहण करता है।
सह प्रान्त के अपूर्णांक अवयव प्रान्त के किसी भी अवयव के प्रतिबिम्ब नहीं हैं।
f : R → R आच्छादक नहीं है।
अत: f : R → R तो एकैकी है और ही आच्छादक।

Question - 4 : - सिद्ध कीजिए कि f ( x ) =| x | द्वारा प्रदत्त मापांक फलन f : R→ R, न तो एकैकी है। और न आच्छादक है, जहाँ | x | बराबर x , यदि x धन या शून्य है तथा| x | बराबर  – x, यदि x ऋण है।

Answer - 4 : -

यहाँ f : R → R, जबकि f ( 3 ) = [x]
(a)
f (-1) = |- 1 | = 1, f(1) = |1| = 1
-1
और 1 का एक ही प्रतिबिम्ब है।
अत:
प्रान्त के दो भिन्न-भिन्न अवयवों -1 और 1 का परिसर R में एक ही f – प्रतिबिम्ब 1 है।
प्रतिबिम्ब समान है।
इसलिए  f  एकैकी नहीं है।
(b)
सहप्रान्त की कोई भी ऋणात्मक संख्या प्रान्त के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
f आच्छादक नहीं है।
अत:
f
तो एकैकी है और ही आच्छादक है। इति सिद्धम्

Question - 5 : - सिद्ध कीजिए कि f :R → R

Answer - 5 : -

स्पष्टतया f(2) = 1 तथा f (3) = 1
f(2) = f(3) जबकि 2 ≠ 3
f एकैकी नहीं है। f का परिसर = {1, 0, -1} c R
f अन्तः क्षेपी है।
अतः फलन तो एकैकी है और आच्छादक।

Question - 6 : - मान लीजिए कि A = {1, 2, 3}, B = {4, 5, 6, 7} तथाf = { (1, 4), (2, 5), (3, 6) } A से B तक एक फलन है। सिद्ध कीजिए कि f एकैकी है।

Answer - 6 : -

दिया है, A ={1, 2, 3}, B = {4, 5, 6, 7}
f : A → B इस प्रकार है कि f = { (1, 4 ), ( 2, 5 ), ( 3, 6 ) } A के प्रत्येक अवयव का अलग-अलग प्रतिबिम्ब है। इसलिए  f  एकैकी है।
( इति सिद्धम् )

Question - 7 : -
निम्नलिखित में से प्रत्येक स्थिति में बताइये कि क्या दिए हुए फलन एकैकी, आच्छादक अथवा एकैकी आच्छादी (bijective) हैं। अपने उत्तर का औचित्य भी बताइये।
(i) f (x) = 3 – 4 द्वारा परिभाषित फलन f : R → R है।
(ii) f (x) = 1 + x2 द्वारा परिभाषित फलन f : R → R है।

Answer - 7 : - (i)
यहाँ f : R – R, यदि f(x) = 3 – 4 x

अत:
f,
बहु-एक फलन है।
f एकैकी नहीं है।
(b)
पुनः x के प्रत्येक वास्तविक मान के लिए (1 + x) का मान सदैव 1 या 1 से बड़ा होगा।
परिसर R में 1 से छोटे अवयव (0 तथा ऋणात्मक संख्याएँ ), डोमेन R के किसी भी अवयव के f-प्रतिबिम्ब नहीं होंगे।
f – अन्त:क्षेपी फलन है अर्थात् आच्छादक नहीं है।
इसलिए दिया हुआ फलन तो एकैकी है और ही आच्छादक है।

Question - 8 : - मान लीजिए A तथा B दो समुच्चय हैं। सिद्ध कीजिए किf : A × B → B × A, इस प्रकार हैं कि f (a, b) = f (b, a) एक एकैकी आच्छादक फलन है।

Answer - 8 : -


Question - 9 : - दिखाइए कि फलन f : N → N जोकि

Answer - 9 : -


Question - 10 : - मान लीजिए कि A= R → { 3 } तथा  B = R – { 1 } हैं। (x) =   द्वारा परिभाषित फलन f : A → B पर विचार कीजिए। क्या । एकैकी तथा आच्छादक है? अपने का औचित्य भी बतलाइए।

Answer - 10 : - दिया है , f : A → B , तथा
A= R → { 3 }
तथा  B = R – { 1 } हैं। (x) = द्वारा परिभाषित फलन f : A → B पर विचार कीजिए। क्या एकैकी तथा आच्छादक है? अपने का औचित्य भी बतलाइए।

इससे सिद्ध होता है कि सहडोमेन R का स्वेच्छ अवयव y ≠ 1, डोमेन R के अवयव x का f-प्रतिबिम्ब है अर्थात् सहडोमेन R का प्रत्येक अवयव, डोमेन R के किसी-न-किसी अवयव का f-प्रतिबिम्ब अवयव है।
फलन f का परिसर = सहडोमेन R फलन f आच्छादक है।
इसलिए दिया हुआ फलन । एकैकी तथा आच्छादक है।

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