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Chapter 10 कामचोर Solutions

Question - 1 : - कहानी में मोटे-मोटे किस काम के हैं? किन के बारे में और क्यों कहा गया?

Answer - 1 : -

कहानी में ‘मोटे-मोटे किस काम के हैं’- उन बच्चों के लिए कहा गया है जो कुछ भी काम नहीं करते थे और आलसी तथा कामचोर हो गए थेऐसा इसलिए कहा गया है कि वे काम को हाथ लगाना तो दूर उठकर पानी भी नहीं पीते थेउनका हर काम नौकरों के भरोसे थास्वयं कोई काम नहीं करना चाहते थेबस खा-खाकर मोटे हो रहे थे

Question - 2 : - बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा हुई?

Answer - 2 : -

बच्चे यूँ तो कोई काम करना ही नहीं चाहते थे, पर तनख्वाह की लालच में उन्होंने काम करने की जगह इतना सामान और काम फैला दिया कि ऐसा लगने लगा जैसे तूफान आ गया थाउनके ऊधम मचाने से घर की निम्नलिखित दशा हुई
(क) घर में धूल और कीचड़ चारों ओर फैल गया?
(ख) झाड़ टूट चुकी थी और केवल उसकी सीकें बची थीं
(ग) घर के बर्तन-भगोने, बाल्टी, तसले, लोटे, कटोरे सब इधर-उधर फैले थे।
(घ) घर में भेड़ें और मुर्गियाँ इधर-उधर घूम रहीं थीं।
(ङ) दाल, चादर, दुपट्टे, दूध, झाड़, सब्जियों आदि का नुकसान हुआ था

Question - 3 : - “या तो बच्चा राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।” अम्मा ने कब कहा? और इसका परिणाम क्या हुआ?

Answer - 3 : -

“या तो मुझे रख लो या बच्चा राज कायम कर लो” यह बात अम्मा ने उस समय कही थी जब बच्चों ने तनख्वाह की लालच में काम करने की ठान ली, पर उन्होंने काम के नाम पर इतनी अव्यवस्था फैला दी कि ऐसा लगने लगा जैसे घर में तूफान आ गया थाइसका परिणाम यह हुआ कि
(क) अम्मा ने कह दिया कि या तो बच्चे काम कर लें या उन्हें काम करने दिया जाए
(ख) वे अपने मायके आगरा जाने की धमकी देने लगी
(ग) अब्बा ने उन बच्चों को पुन: किसी काम को हाथ न लगाने की चेतावनी दे दी

Question - 4 : -  ‘कामचोर’ कहानी क्या संदेश देती है?

Answer - 4 : -

‘कामचोर’ कहानी हमें यह संदेश देती है कि बच्चों को पूरी तरह नौकरों के भरोसे न छोड़ेबच्चों को बचपन से ही छोटे-छोटे काम करने को प्रेरित करना चाहिएउन्हें काम तथा श्रम की महत्ता बताना चाहिएकाम में उनकी रुचि पैदा की जानी चाहिए ताकि बच्चे कामचोर, आलसी एवं माँ-बाप के लिए बोझ न बनें

Question - 5 : - क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे

Answer - 5 : -

कहानी के अंत में बच्चों ने काम न करने को जो निर्णय लिया उसे किसी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता हैऐसा करने से वे कोई काम नहीं सीख पाएँगेवे उनमें आलस्य, कामचोरी, तथा निकम्मेपन की प्रवृत्ति बढ़ती जाएगीऐसे में एक दिन माँ-बाप, परिवार, समाज और देश पर बोझ बन जाएँगेउन्हें कोई देखना भी नहीं चाहेगा।

Question - 6 : - घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप उन्हें करना आवश्यक क्यों है?

Answer - 6 : -

घर के सामन्य कामकाज हों या अपना निजी काम प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार करना चाहिए क्योंकि
(क) इस प्रकार किया गया काम सही और सुचारु ढंग से पूरा होता है
(ख) घर के सदस्यों के बीच किसी प्रकार का मनमुटाव नहीं रह जाता कि ‘वह’ व्यक्ति काम नहीं कर रहा है तो मैं ही क्यों करूं
(ग) घर के व्यक्तियों को काम करता देख छोटे बच्चों में भी काम करने की आदत स्वयमेव विकसित हो जाती हैवे कामचोरी का आलस्यपने की प्रवृत्ति से बच जाते हैं
(घ) व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है तथा घर का वातावरण भी सुखद बन जाता है

Question - 7 : -  भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए

Answer - 7 : -

भरा-पूरा परिवार निम्नलिखित स्थितियों में सुखद बन सकता है घर का प्रत्येक सदस्य बिना बोझ समझे मन लगाकर काम करे काम को पूरी तरह निष्ठा तथा ईमानदारी से करे यदि उसका काम अन्य सदस्यों से अधिक है तो उसकी तुलना कम काम करने वाले व्यक्ति से बिल्कुल भी न करेइसके अलावा कामचोर कहानी के आधार पर यह भी कह सकते हैं कि बच्चों में शुरू से ही काम करने की आदत पैदा करनी चाहिए अन्यथा उन पर अचानक जिम्मेदारी डालने से वे काम को सही तरीके से नहीं करेंगेउनको शुरू से ही अपने साथ काम पर लगाकर घर को सुखद बनाया जा सकता हैभरा-पूरा परिवार दुखद तब बन सकता है; जबघर के सदस्य कार्य करने में आना-कानी करें वे काम से जी चुराएँप्रलोभन आदि के बल पर काम कराना भी चाहें तो वे काम को गलत ढंग से करने का प्रयास करते हुए काम को और खराब कर देंअपना काम भी न करते हुए हर काम के लिए नौकरों पर निर्भर रहने से घर दुखद बन जाता है

Question - 8 : -  बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? कामचोर कहानी के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए

Answer - 8 : -

‘कामचोर’ कहानी के आधार पर पता चलता है कि बड़े होते बच्चे माता-पिता के काम में सहयोगी बन सकते हैं यदि वे स्वेच्छा से उनके कार्यों में हाथ बटाएँअपने हिस्से के काम के प्रति उत्तरदायी हों तथा काम को पूरी जिम्मेदारी से निभाएँ।

बड़े होते बच्चे माता-पिता पर भार तब हो सकते हैं जब वे प्रत्येक काम के लिए माँ-बाप पर निर्भर रहें। ‘कामचोर’ कहानी में बच्चे हिलकर अपनेआप पानी भी नहीं पीते थे। वे प्रत्येक काम के लिए नौकरों पर निर्भर थे। वे आलसी तथा निकम्मे बन गए थे। उनमें बचपन से काम करने की आदत नहीं डाली गई। वे खा-खाकर मोटे हो गए थे और परिवार के लिए भार बन गए थे।

Question - 9 : - ‘कामचोर’ कहानी एकल परिवार की कहानी है या संयुक्त परिवार की? इन दोनों तरह के परिवारों में क्या-क्या अंतर होते हैं?

Answer - 9 : -

‘कामचोर’ कहानी संयुक्त परिवार की कहानी है। बच्चों ने जब तनख्वाह की लालच में काम को हाथ लगाया तो उनके द्वारा अव्यवस्थित तरीके से किए गए कार्यों से माता-पिता के अलावा हज्जन माँ, बानी दीदी, मौसी, बड़ी दीदी, मुगलानी बुआ, चाचा जी भी किसी-न-किसी रूप में प्रभावित हुए। इससे पता लगता है कि ये लोग भी परिवार में साथ-साथ ही रहते थे जो संयुक्त परिवार की पहचान है। इस तरह के दोनों परिवारों में निम्नलिखित अंतर होते हैं
(क) एकल परिवार में बच्चों के साथ उनके माता-पिता ही रहते हैं जबकि संयुक्त परिवार में माता-पिता के अलावा चाचा-चाची, दादा-दादी, बुआ, मौसी तथा उनके बच्चे भी साथ ही रहते हैं।
(ख) आजकल की व्यस्त दिनचर्या में बच्चों को एकल परिवार में माता-पिता का प्यार कम मिल पाता है, जबकि संयुक्त परिवार में घर के अन्य सदस्य यह कमी पूरी कर देते हैं।
(ग) एकल परिवार में माता-पिता के काम पर चले जाने पर बच्चे अकेले रह जाते हैं तथा स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं जबकि संयुक्त परिवार में वे अकेले नहीं रहते हैं।
(घ) एकल परिवार के बच्चों में समाजीकरण नहीं हो पाता जबकि संयुक्त परिवार में बच्चे अन्य सदस्यों के बीच इसे सीख जाते हैं तथा वे दादी-नानी द्वारा सुनाई कहानियों की सीख ग्रहण कर बेहतर नागरिक बनते हैं।

Question - 10 : -  घरेलू नौकरों को हटाने की बात किन-किन परिस्थितियों में उठ सकती है? विचार कीजिए।

Answer - 10 : -

घरेलू नौकरों को हटाने की बात निम्नलिखित परिस्थितियों में उठ सकती है
(क) जब नौकर काम को निष्ठापूर्वक न करे तथा कामचोरी करे।
(ख) जब नौकरों की संख्या आवश्यकता से अधिक हो।
(ग) घर की आय में अचानक कमी आ जाए तथा यह कमी दीर्घकाल तक बने रहने की संभावना हो।
(घ) घर के सभी सदस्य अपने-कार्यों को जिम्मेदारी से करने लगें तथा बड़ों के काम में भी हाथ बँटाने लगे।
(ङ) नौकर बार-बार छुट्टी पर जाने लगे तथा वेतन बढ़ाने की माँग करने लगे।

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