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Chapter 10 जीवों में उत्सर्जन Solutions

Question - 1 : -
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
(क) मनुष्य में प्रमुख उत्सर्जी अंग है।
(अ) यकृत
(ब) फेफड़ा
(स) वृक्क 
(द) आमाशय

(ख) पक्षियों में उत्सर्जी पदार्थ होता है।
(अ) अमीनो अम्ल
(ब) यूरिक अम्ल 
(स) यूरिया
(द) अमोनिया

(ग) मनुष्य में मूत्र का निर्माण होता है।
(अ) वृक्क में 
(ब) यकृत में
(स) फेफड़ा में
(द) अग्न्याशय में

(घ) शाकीय पौधों में बिन्दुस्राव होता है।
(अ) जड़ द्वारा
(ब) तने द्वारा
(स) पत्ती द्वारा 
(द) पुष्प द्वारा

(ङ) कीटों में उत्सर्जी अंग होता है।
(अ) वृक्क
(ब) उत्सर्गिका
(स) आदिवृक्क
(द) मैल्पीघी नलिकाएँ 

Answer - 1 : -

(क) मनुष्य में प्रमुख उत्सर्जी अंग है।
(अ) यकृत
(ब) फेफड़ा
(स) वृक्क (✓)
(द) आमाशय

(ख) पक्षियों में उत्सर्जी पदार्थ होता है।
(अ) अमीनो अम्ल
(ब) यूरिक अम्ल (✓)
(स) यूरिया
(द) अमोनिया

(ग) मनुष्य में मूत्र का निर्माण होता है।
(अ) वृक्क में (✓)
(ब) यकृत में
(स) फेफड़ा में
(द) अग्न्याशय में

(घ) शाकीय पौधों में बिन्दुस्राव होता है।
(अ) जड़ द्वारा
(ब) तने द्वारा
(स) पत्ती द्वारा (✓)
(द) पुष्प द्वारा

(ङ) कीटों में उत्सर्जी अंग होता है।
(अ) वृक्क
(ब) उत्सर्गिका
(स) आदिवृक्क
(द) मैल्पीघी नलिकाएँ (✓)

Question - 2 : -
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को ……….. कहते हैं।
(ख) यूरिया का निर्माण ………… में होता है।
(ग) मछलियों में …………… उत्सर्जी पदार्थ होता है।
(घ) केचुए का उत्सर्जी अंग ……………….. होता है।
(ङ) घोघा में उत्सर्जी पदार्थ ………… ………. होता है।

Answer - 2 : -

(क) अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं।
(ख) यूरिया का निर्माण वृक्क में होता है।
(ग) मछलियों में अमोनिया उत्सर्जी पदार्थ होता है।
(घ) केचुए का उत्सर्जी अंग उत्सर्गिकाएँ होता है।
(ङ) घोघा में उत्सर्जी पदार्थ अमीनो अम्ल होता है।

Question - 3 : -
निम्नलिखित सही कथनों के सामने सही (✓) तथा गलत कथनों के सामने गलत (✗) का निशान लगाइए-
(क) मनुष्य में प्रमुख उत्सर्जी पदार्थ अमीनो अम्ल होता है। 
(ख) मूत्र का निर्माण यकृत में होता है। 
(ग) रक्त में यूरिया की मात्रा अधिक होने पर यूरिमिया नामक रोग होता है। 
(घ) हींग पौधे से प्राप्त एक उत्सर्जी पदार्थ है। 
(ङ) वृक्क के खराब हो जाने पर अपोटन की आवश्यकता होती है।

Answer - 3 : -

(क) मनुष्य में प्रमुख उत्सर्जी पदार्थ अमीनो अम्ल होता है। (✗)
(ख) मूत्र का निर्माण यकृत में होता है। (✓)
(ग) रक्त में यूरिया की मात्रा अधिक होने पर यूरिमिया नामक रोग होता है। (✓)
(घ) हींग पौधे से प्राप्त एक उत्सर्जी पदार्थ है। (✓)
(ङ) वृक्क के खराब हो जाने पर अपोटन की आवश्यकता होती है। (✓)

Question - 4 : -
स्तम्भ क के शब्दों को स्तम्भ ख के शब्दों से सही मिलान कीजिए-

Answer - 4 : -



Question - 5 : -
उत्सर्जन किसे कहते हैं? मनुष्य में पाये जाने वाले विभिन्न उत्सर्जी अंगों के नाम लिखिए।

Answer - 5 : -

अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। मनुष्य में पाए जानेवाले विभिन्न उत्सर्जी अंग हैं-एक जोड़ी वृक्क (किडनी), मूत्रवाहिनियाँ, मूत्राशय और मूत्र मार्ग। इसके अलावा त्वचा, फेफड़े, यकृत तथा बड़ी आँत आदि भी उत्सर्जन का कार्य करन में सहायक होते हैं।

Question - 6 : -
मनुष्य के उत्सर्जन तंत्र का वर्णन कीजिए।

Answer - 6 : -

मानव शरीर में एक जोड़ी वृक्क होते हैं। वृक्क का आकार सेम के बीज के समान होता है। इसका बाहरी भाग उभरा हुआ तथा भीतरी भाग धंसा हुआ होता है। वृक्क कमर के ऊपर रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ स्थित होते हैं। वृक्क ही रक्त की प्रमुख छन्नी है। वृक्क में रक्त, धमनियों द्वारा आता है तथा छनने के बाद शिराओं द्वारा बाहर निकलता है। दरअसल जब रक्त वृक्क में आता है तो इसमें उपयोगी एवं अपशिष्ट दोनों ही प्रकार के पदार्थ होते हैं। छनने के बाद जहाँ एक ओर उपयोगी पदार्थ जैसे ग्लूकोज़, लवण, विटामिन्स, अमीनो अम्ल आदि पुनः अवशोषित कर लिये जाते हैं वहीं दूसरी ओर जल में घुली हुई यूरिया शरीर से बाहर निकाल दी जाती है। वृक्कों से छनने के बाद मूत्र मूत्रवाहिनियों से होता हुआ मूत्राशय में एकत्रित होता रहता है। वृक्क, मूत्रवाहिनियाँ, मूत्राशय और मूत्र मार्ग सम्मिलित रूप से उत्सर्जन तंत्र बनाते हैं।

Question - 7 : -
पौधों में उत्सर्जन का वर्णन कीजिए।

Answer - 7 : -

पौधों में जंतुओं की तरह कोई विशेष उत्सर्जन अंग नहीं होता। पौधे अपनी पत्तियों, छालों, बीजों, फलों आदि के माध्यम से अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन, करते हैं। कुछ पौधों की कोशिकाओं में विशेष वर्ण्य पदार्थ बनते हैं जो पौधों की पत्तियों एवं छाल में एकत्रित होते रहते हैं। आम, नीम, बबूल तथा हींग के पौधे से गोंद या रेजिन्स का निकलना उत्सर्जन ही है। कुछ पौधों जैसे कत्था की छाल से टैमिन निकलता है। चीड़ के तने से तारपीन का तेल निकलता है। इस प्रकार दूध (लैटेक्स), रेजिन्स या गोंद, टैमिन, हींग आदि पौधों से निकलने वाले उत्सर्जी पदार्थ हैं। शाकीय पौधों में श्वसन क्रिया में बनी कार्बन डाइऑक्साइड पत्तियों में पाई जानेवाली रंध्रों द्वारा निकलती रहती है।

Question - 8 : -
बिन्दुस्राव किसे कहते हैं ?

Answer - 8 : -

टमाटर, अरबी, नैस्ट्रेशियम तथा मकोय आदि के पौधों में अनावश्यक जल एवं लवण रात्रि में पत्तियों की शिराओं पर बूंद के रूप में निकलते रहते हैं। इस प्रकार के उत्सर्जन को बिन्दुस्राव कहते हैं।

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