MENU

Chapter 16 प्रकाश Solutions

Question - 1 : -
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँट कर अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
(क) उत्तल दर्पण के सामने रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता है
(अ) दर्पण के दूसरी ओर
(ब) वक्रता केन्द्र पर
(स) अनन्त पर
(द) वक्रता केन्द्र तथा मुख्य फोकस के मध्य 

(ख) अवतल दर्पण से आभासी सीधा व बड़ा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए वस्तु की स्थिति होगी-
(अ) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(ब) वक्रता केन्द्र परे
(स) वक्रता केन्द्र के बाहर
(द) दर्पण के ध्रुव व मुख्य फोकस के बीच 

(ग) एक दर्पण के सामने खड़ा होने पर आपका दर्पण में प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा प्रतीत होता है, दर्पण होगा-
(अ) समतल
(ब) उत्तल
(स) अवतल
(द) समतल या उत्तल

(घ) दूर स्थित किसी ऊँची इमारत की सम्पूर्ण ऊँचाई जिस दर्पण में देखी जा सकती है वह दर्पण है-
(अ) अवतल
(ब) उत्तल
(स) समतल 
(द) समतल तथा अवतल दर्पण

(ङ) टॉर्च, सर्चलाइट तथा वाहनों की हेड लाइट के लिए बल्ब की स्थिति होगी-
(अ) परावर्तन दर्पण के ध्रुव फोकस के बीच
(ब) परावर्तक के फोकस के अति निकट 
(स) परावर्तक के फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(द) परावर्तक के वक्रता केन्द्र पर

Answer - 1 : -

(क) उत्तल दर्पण के सामने रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता है
(अ) दर्पण के दूसरी ओर
(ब) वक्रता केन्द्र पर
(स) अनन्त पर
(द) वक्रता केन्द्र तथा मुख्य फोकस के मध्य (✓)

(ख) अवतल दर्पण से आभासी सीधा व बड़ा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए वस्तु की स्थिति होगी-
(अ) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(ब) वक्रता केन्द्र परे
(स) वक्रता केन्द्र के बाहर
(द) दर्पण के ध्रुव व मुख्य फोकस के बीच (✓)

(ग) एक दर्पण के सामने खड़ा होने पर आपका दर्पण में प्रतिबिम्ब हमेशा सीधा प्रतीत होता है, दर्पण होगा-
(अ) समतल
(ब) उत्तल (✓)
(स) अवतल
(द) समतल या उत्तल

(घ) दूर स्थित किसी ऊँची इमारत की सम्पूर्ण ऊँचाई जिस दर्पण में देखी जा सकती है वह दर्पण है-
(अ) अवतल
(ब) उत्तल
(स) समतल (✓)
(द) समतल तथा अवतल दर्पण

(ङ) टॉर्च, सर्चलाइट तथा वाहनों की हेड लाइट के लिए बल्ब की स्थिति होगी-
(अ) परावर्तन दर्पण के ध्रुव फोकस के बीच
(ब) परावर्तक के फोकस के अति निकट (✓)
(स) परावर्तक के फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(द) परावर्तक के वक्रता केन्द्र पर

Question - 2 : -
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
(क) समतल द्वारा बना प्रतिबिम्ब ………. होता है।
(ख) जो प्रतिबिम्ब सीधा बनता है उसकी आकृति …………. होती है।
(ग) यदि आपतन कोण का मान 60° तो परावर्तन कोण का मान ………. होगा।
(घ) दर्पण के ध्रुव व वक्रता केन्द्र के बीच की दूरी …………. . कहलाती है।

Answer - 2 : -

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
(क) समतल द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी होता है।
(ख) जो प्रतिबिम्ब सीधा बनता है उसकी आकृति आभासी होती है।
(ग) यदि आपतन कोण का मान 60° तो परावर्तन कोण का मान 60° होगा।
(घ) दर्पण के ध्रुव व वक्रता केन्द्र के बीच की दूरी फोकस दूरी कहलाती है।

Question - 3 : - निम्नलिखित में स्तम्भ क के कथनों को स्तम्भ ख के कथनों से सुमेलित कीजिए-

Answer - 3 : -



Question - 4 : -
निम्नलिखत कथनों में सही के सामने सही (✓) तथा गलत के सामने गलत (✗) का चिह्न लगाइए-
(क) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब एक तल में नहीं होते। 
(ख) परावर्तन के नियम से आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है। 
(ग) परावर्तन का नियम सभी प्रकार के दर्पणों के लिए लागू होता है। 
(घ) समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब को पर्दे पर लिया जा सकता है। 
(ङ) अवतल दर्पण से कभी आभासी प्रतिबिम्ब नहीं बनता है। 

Answer - 4 : -

(क) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब एक तल में नहीं होते। (✗)
(ख) परावर्तन के नियम से आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है। (✓)
(ग) परावर्तन का नियम सभी प्रकार के दर्पणों के लिए लागू होता है। (✗)
(घ) समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब को पर्दे पर लिया जा सकता है। (✗)
(ङ) अवतल दर्पण से कभी आभासी प्रतिबिम्ब नहीं बनता है। (✗)

Question - 5 : -
गोलीय दर्पण के लिए ध्रुव, वक्रता केन्द्र, मुख्य फोकस तथा मुख्य अक्ष की परिभाषा दीजिए। रेखा चित्र बनाकर इनकी स्थितियों को प्रदर्शित कीजिए।

Answer - 5 : -

ध्रुव – गोलीय दर्पण में परावर्तक तल के मुख्य बिन्दु ‘P’ को ध्रुव कहते हैं।

वक्रता केन्द् – गोलीय दर्पण जिस खोखले गोले के कटे हुए भाग होते हैं उस गोले के केन्द्र को वक्रता केन्द्र कहते हैं। चित्र में C दर्पण का वक्रता केन्द्र है।
वक्रता त्रिज्या – दर्पण के ध्रुव से वक्रता केन्द्र की दूरी को गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते हैं। इसे 7 से प्रदर्शित करते हैं। चित्र में CP दर्पण की वक्रता त्रिज्या है।
मुख्य फोकस – मुख्य अक्ष के समान्तर दर्पण पर आपतित किरणें परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष को जिस बिन्दु पर काटती हैं (अवतल दर्पण में) या पीछे बढ़ाए जाने पर मुख्य अक्ष पर मिलती हैं, (उत्तल दर्पण में) उस बिन्दु को गोलीय दर्पण का मुख्य फोकस कहते हैं।
मुख्य अक्ष – दर्पण के ध्रुव और वक्रता केन्द्र से होकर आने वाली रेखा को दर्पण का मुख्य अक्ष कहते हैं। PC रेखा मुख्य अक्ष है।

Question - 6 : -
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
(क) वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिम्ब।

Answer - 6 : -



Question - 7 : -
समान्तर प्रकाश किरण, अभिसारी प्रकाश किरण तथा अपसारी प्रकाश किरण पुंज का सचित्र वर्णन कीजिए।

Answer - 7 : -

(अ) समान्तर प्रकाश किरण – जिस प्रकाश किरण पुंज की प्रत्येक किरण समान्तर होती हैं, उसे समानान्तर प्रकाश-पूँज कहते हैं।
(ब) अभिसारी प्रकाश किरण – जिस प्रकाश किरण पुंज की प्रत्येक किरण किसी एक बिंदु पर मिलती हैं, उसे अभिसारी किरण पुंज कहते हैं।
(स) अपसारी प्रकाश किरण – जिस प्रकार किरण पुंज की प्रत्येक किरण किसी बिंदु से फैलती हुई प्रतीत होती है, उसे अपसारी प्रकाश किरण पुंज कहते हैं।


Question - 8 : -
अवतल दर्पण का फोकस वास्तविक है जबकि उत्तल दर्पण का फोकस काल्पनिक। स्पष्ट कीजिए।

Answer - 8 : -

जब दपर्ण के पीछे किरणें उत्पन्न होती है, तो उन्हें बिंदीदार रेखाओं का उपयोग करके संकेत दिया जाता है, इसका मतलब है कि वे काल्पनिक या आभासी हैं। इसलिए अवतल दर्पण का फोकस वास्तविक है जबकि उत्तर दर्पण का फोकस काल्पनिक।

Question - 9 : -
किसी अवतल दर्पण को ध्रुव तथा फोकस के बीच रखी गयी वस्तु का दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब को प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक किरण आरेख बनाइए।

Answer - 9 : - विद्यार्थी स्वयं करें।

Question - 10 : -
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) उस दर्पण का नाम लिखिए जिससे वस्तु के आकार का आभासी प्रतिबिम्ब बनता है।
(ख) उत्तल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा दीजिए।
(ग) स्ट्रीट लाइट में प्रयोग किए जाने वाले दर्पण का नाम लिखिए।
(घ) दर्पण के पृष्ठ भाग पर चाँदी की कलई की जाती है क्यों ?
(ङ) उत्तल एवं अवतल दर्पण को गोलीय दर्पण कहते हैं। क्यों ?

Answer - 10 : -

(क)
अवतल दर्पण
(ख)
उत्तर दर्पण को मुख्य अक्ष पर बिंदु के रूप में परिभाषित किया जाता है, वहाँ प्रतिबिंब के बाद मुख्य धुरी के समातेर यात्रा वाली किरणें मिलती है।
(ग) 
उत्तल दर्पण
(घ)
दर्पण के पृष्ठ भाग पर चाँदी की कलई कर देने पर अन्दर की सतह चमकीली दिखाई देने लगती है। प्रकाश का परावर्तन इसी अन्दर वाली चमकदार सतह से होता है।
(ङ)
गोलीय दर्पण वैसा दर्पण होता है जिसकी परावर्तक सतह काँच के खोखले गोले का हिस्सा होती है। इसी खोखले गोले से उत्तल या अवतल दर्पण का निर्माण होता है। इसी कारण उत्तल या अवतल दर्पण को गोलीय दर्पण कहते हैं।

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×