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Chapter 10 तरलों के यान्त्रिक गुण (Mechanical Properties of Fluids) Solutions

Question - 1 : -
स्पष्ट कीजिए क्यों
(a) मस्तिष्क की अपेक्षा मानव का पैरों पर रक्त चाप अधिक होता है।
(b) 6 km ऊँचाई पर वायुमण्डलीय दाब समुद्र-तल पर वायुमण्डलीय दाब का लगभग आधा हो जाता है, यद्यपि वायुमण्डल का विस्तार 100 km से भी अधिक ऊँचाई तक है। |
(c) यद्यपि दाब, प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाला बल होता है तथापि द्रवस्थैतिक दाब एक अदिश राशि है।

Answer - 1 : -

(a) पैरों के ऊपर रक्त स्तम्भ की ऊँचाई मस्तिष्क के ऊपर रक्त स्तम्भ की ऊँचाई से अधिक होती है। चूंकि द्रव स्तम्भ का दाब गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है; अत: पैरों पर रक्त दाब मस्तिष्क पर रक्त दाब की तुलना में अधिक होता है।
(b) पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव के कारण वायु के अणु पृथ्वी के समीप बने रहते हैं अधिक ऊँचाई तक नहीं जा पाते। इसी कारण 6:km से अधिक ऊँचाई पर जाने पर वायु बहुत ही विरल हो जाती है और घनत्व बहुत कम हो जाता है। चूँकिं तरल-दाब, तरल के घनत्व के अनुक्रमानुपाती होता है; अतः 6 km से ऊपर की वायु का कुल दाब अत्यन्त कम होता है; अत: पृथ्वी-तल से 6 km की ऊँचाई पर वायुमण्डलीय दाबं समुद्र तल पर वायुमण्डलीय दाब का आधा रह जाता है।
(c) पास्कल के नियम के अनुसार किसी बिन्दु पर द्रव-दाब सभी दिशाओं में समान रूप से लगता है, अर्थात् दाब के साथ कोई दिशा नहीं जोड़ी जा सकती; अत: दाब एक अदिश राशि है।।

Question - 2 : -
स्पष्ट कीजिए क्यों
(a) पारे का काँच के साथ स्पर्श कोण अधिककोण होता है जबकि जल का काँच के साथ स्पर्श कोण न्यूनकोण होता है।
(b) काँच के स्वच्छ समतल पृष्ठ पर जल फैलने का प्रयास करता है जबकि पारा उसी पृष्ठ पर बूंदें | बनाने का प्रयास करता है। (दूसरे शब्दों में जल काँच को गीला कर देता है जबकि पारा ऐसा नहीं करता है।)
(c) किसी द्रव का पृष्ठ-तनाव पृष्ठ के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है।
(d) जल में घुले अपमार्जकों के स्पर्श कोणों का मान कम होना चाहिए।
(e) यदि किसी बाह्य बल का प्रभाव न हो तो द्रव बूंद की आकृति सदैव गोलाकार होती है।

Answer - 2 : -

(a) पारे के अणुओं के बीच ससंजक बल, पारे व काँच के अणुओं के बीच आसंजक बल से अधिक होता है, इस कारण काँच व पारे का स्पर्श कोण अधिककोण होता है।
इसके विपरीत जल के अणुओं के बीच ससंजक बल, काँच व जल के अणुओं के बीच आसंजक बल से कम होता है, इस कारण जल तथा काँच के बीच स्पर्श कोण न्यूनकोण होता है। |
(b) खण्ड (a) के उत्तर में वर्णित कारण यहाँ भी लागू होता है।
(c) रबड़ की झिल्ली को खींचने पर उसमें तनाव बढ़ जाता है परन्तु किसी द्रव के मुक्त पृष्ठ का क्षेत्रफल बढ़ा देने पर उसके तनाव में कोई परिवर्तन नहीं आता; अत: द्रव का पृष्ठ-तनाव उसके मुक्त क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता।।
(d) अपसार्जक घुले होने पर जल का पृष्ठ-तनाव कम हो जाता है; अतः स्पर्श कोण भी कम हो जाता है।
(e) बाह्य बल की अनुपस्थिति में बूंद की आकृति केवल पृष्ठ-तनाव द्वारा निर्धारित होती है। पृष्ठ-तनाव के कारण बूंद न्यूनतम मुक्त क्षेत्रफल वाली आकृति ग्रहण करना चाहती है। चूंकि एक दिए गए आयतन के लिए गोले का मुक्त पृष्ठ न्यूनतम होता है; अतः बूंद की आकृति पूर्ण गोलाकार हो जाती

Question - 3 : -
प्रत्येक प्रकथन के साथ संलग्न सूची में से उपयुक्त शब्द छाँटकर उस प्रकथन के रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(a) व्यापक रूप में व्रवों का पृष्ठ-तनाव ताप बढने पर…….है। (बढ़ता/घटता)
(b) गैसों की श्यानता ताप बढ़ने पर………है, जबकि द्रवों की श्यानता ताप बढने पर……..है। (बढ़ती/घटती)।
(c) दृढ़ता प्रत्यास्थता गुणांक वाले ठोसों के लिए अपरूपण प्रतिबल……….के अनुक्रमानुपाती होता है, जबकि द्रवों के लिए वह……….के अनुक्रमानुपाती होता है। (अपरूपण विकृति/अपरूपण विकृति की दर) ।
(d) किसी तरल के अपरिवर्ती प्रवाह में आए किसी संकीर्णन पर प्रवाह की चाल में वृद्धिमें…….. का अनुसरण होता है। (संहति का संरक्षण/बरनौली सिद्धान्त)
(e) किंसी वायु सुरंग में किसी वायुयान के मॉडल में प्रक्षोभ की चाल वास्तविक वायुयान के प्रक्षोभ के लिए क्रांतिक चाल की तुलना में………होती है। (अधिक/कम)

Answer - 3 : -

(a) घटता
(b) बढ़ती, घटती,
(c) अपरूपण विकृति, अपरूपण विकृति की दर,
(d) संहति को संरक्षण,
(e) अधिक।

Question - 4 : -
निम्नलिखित के कारण स्पष्ट कीजिए
(a) किसी कागज़ की पट्टी को क्षतिज रखने के लिए आपको उस कागज़ पर ऊपर की ओर हवा फेंकनी चाहिए, नीचे की ओर नहीं।
(b) जब हम किसी जल टोंटी को अपनी उँगलियों द्वारा बन्द करने का प्रयास करते हैं तो उँगलियों के बीच की खाली जगह से तीव्र जल धाराएँ फूट निकलती हैं।
(c) इंजेक्शन लगाते समय डॉक्टर के अंगूठे द्वारा आरोपित दाब की अपेक्षा सुई का आकार दवाई की बहिःप्रवाही धारा को अधिक अच्छा नियन्त्रित करता है।
(d) किसी पात्र के बारीक छिद्र से निकलने वाला तरल उस पर पीछे की ओर प्रणोद आरोपित करता है।
(e) कोई प्रचक्रमान क्रिकेट की गेंद वायु में परवलीय प्रपथ का अनुसरण नहीं करती।

Answer - 4 : -

(a) कागज़ के ऊपर फेंक मारने से ऊपर वायु का वेग अधिक हो जाएगा। क्षैतिज प्रवाह के लिए बरनौली प्रमेय = नियत के अनुसार कागज़ के ऊपर वायु दाब, नीचे की तुलना में कम हो जाएगा। इससे कागज़ पर उत्थापक बल लगेगा जो कागज़ को नीचे नहीं गिरने देगा। |
(b) टोंटी को उँगलियों द्वारा बन्द करने पर जल उँगलियों के बीच की खाली जगह से निकलने लगता है। यहाँ धारा का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल टोंटी के अनुप्रस्थ क्षेत्रफल से कम होता है; अतः अविरतता के सिद्धान्त (A1ν1 = A2ν2) से जल का वेग अधिक हो जाता है। |
(c) अविरतता के सिद्धान्त से, समान दाब आरोपित किए जाने पर भी, सुई बारीक होने पर (अनुप्रस्थ क्षेत्रफल कम होने पर) बहि:प्रवाही धारा का प्रवाह वेग बढ़ जाता है; अत: बहि:प्रवाह वेग सुई के आकार से अधिक नियन्त्रित होता है।
(d) जब कोई तरल किसी पात्र में बने बारीक छिद्र से बाहर आता है तो अविरतता के सिद्धान्त से वह उच्च बहि:स्राव वेग प्राप्त कर लेता है। बाह्य बल की अनुपस्थिति में पात्र + तरल का संवेग संरक्षित रहता है; अतः पात्र विपरीत दिशा में संवेग प्राप्त करता है, अर्थात् बाहर निकलता हुआ द्रव पात्र पर : विपरीत दिशा में प्रणोद आरोपित करता है।
(e) घूमती हुई गेंद अपने साथ वायु को खींचती है; अतः गेंद के ऊपर तथा नीचे वायु के वेग में अन्तर आ जाता है; अतः दाबों में भी अन्तर आ जाता है। इसके कारण गेंद पर भार के अतिरिक्त एक अन्य बल भी लगने लगता है और गेंद को पथ परवलयाकार नहीं रह जाता।।

Question - 5 : -
ऊँची एड़ी के जूते पहने 50 kg संहति की कोई बालिका अपने शरीर को 1.0 cm व्यास की एक ही वृत्ताकार एड़ी पर सन्तुलित किए हुए है। क्षैतिज फर्श पर एड़ी द्वारा आरोपित दाब ज्ञात कीजिए।

Answer - 5 : - वृत्ताकार एड़ी की त्रिज्या R= व्यास /2= 1.0 सेमी/2
= 0.5
सेमी =5 x 10-3 मीटर
वृत्ताकार एड़ी का क्षेत्रफल A= πR2 =3.14 (5 x10-3 मी)2
= 78.50 x 10-6 
मी2
एड़ी पर पड़ने वाला बल F= बालिका का भार =mg
= 50
किग्रा x9.8 मी/से2 =490 न्यूटन
क्षैतिज फर्श पर एड़ी द्वारा आरोपित दाब = एड़ी पर आरोपित दाब

Question - 6 : -
टॉरिसेली के वायुदाबमापी में पारे का उपयोग किया गया था। पास्कल ने ऐसा ही वायुदाबमापी 984 kg m-3 घनत्व की फ्रेंच शराब का उपयोग करके बनाया। सामान्य वायुमण्डलीय दाब के लिए शराब-स्तम्भ की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

Answer - 6 : - h ऊँचाई के शराब स्तम्भ का दाब P= h.ρ.g
शराब स्तम्भ की ऊँचाई h=
यहाँ P= 1 वायुमण्डलीय दाब
= 1.013 x 105Pa = 1.013 x 105 
न्यूटन/मी2
शराब का घनत्व ρ= 984 किग्रा/मी3 तथा g = 9.8 मी/से2

Question - 7 : -
समुद्र तट से दूर कोई ऊध्र्वाधर संरचना 109 Pa के अधिकतम प्रतिबल को सहन करने के लिए बनाई गई है। क्या यह संरचना किसी महासागर के भीतर किसी तेल कूप के शिखर पर रखे जाने के लिए उपयुक्त है? महासागर की गहराई लगभग 3km है। समुद्री धाराओं की उपेक्षा कीजिए।

Answer - 7 : -

यदि समुद्र के जल द्वारा आरोपित दाब, संरचना द्वारा सहन किये जा सकने वाले अधिकतम प्रतिबल से कम होगा तो संरचना महासागर के भीतर तेल कूप के शिखर पर रखे जाने के लिए उपयुक्त होगी। समुद्र जल द्वारा आरोपित दाब
P = hρg
यहाँ h = 3 किमी = 3 x103 मीटर,
जल का घनत्व = 103 किग्रामी-3 तथा g = 9.8 मी/ से2
P =3 x 103 
मी x 103 किग्रा -मी3 x 9.8 मी-से-2
= 2.94 x 107 
न्यूटन /मी2 = 2.94 x 107 Pa
चूँकि P <अधिकतम प्रतिबल 109 Pa; अत: संरचना आवश्यक कार्य के लिए उपयुक्त है।

Question - 8 : - किसी द्रवचालित आटोमोबाइल लिफ्ट की संरचना अधिकतम 3000 kg संहति की कारोंको उठाने के लिए की गई है। बोझ को उठाने वाले पिस्टन की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल 425 cm2 है। छोटे पिस्टन को कितना अधिकतम दाब सहन करना होगा?

Answer - 8 : -

पास्कल के नियम के अनुसार,
छोटे पिस्टन पर अधिकतम दाब = बोझ उठाने वाले बड़े पिस्टन पर दाब

Question - 9 : -
किसी U-नली की दोनों भुजाओं में भरे जल तथा मेथेलेटिड स्पिरिट को पारा एक-दूसरे से पृथक् करता है। जब जल तथा पारे के स्तम्भ क्रमशः 10 cm तथा 12.5 cm ऊँचे हैं तो दोनों भुजाओं में पारे का स्तर समान है। स्पिरिट का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात कीजिए।

Answer - 9 : - U-नली की एक भुजा में जल स्तम्भ के लिए,
h1 = 10.0
सेमी; ρ1 (घनत्व) =1 g-cm-3
U-
नली की दूसरी भुजा में मेथेलेटिड स्प्रिट के लिए,
h2 =12.5
सेमी; ρ2 =?
चूंकि दोनों भुजाओं में पारे का तल समान है अत: इस तल पर दोनों भुजाओं के स्तम्भों के दाब भी समान होंगे। अर्थात्

Question - 10 : -
यदि प्रश्न 9 की समस्या में, U-नली की दोनों भुजाओं में इन्हीं दोनों द्रवों को और उड़ेल कर दोनों द्रवों के स्तम्भों की ऊँचाई 15 cm और बढ़ा दी जाए तो दोनों भुजाओं में पारे के स्तरों में क्या अन्तर होगा? (पारे का आपेक्षिक घनत्व = 13.6)

Answer - 10 : - माना कि U-नली की दोनों भुजाओं में पारे के तलों का अन्तर h है तथा ρ पारे का घनत्व है, तो ,


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