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Chapter 10 वृत्त (Circles ) Ex 10.5 Solutions

Question - 1 : - केन्द्र O वाले एक वृत्त पर तीन बिन्दु A, B और C इस प्रकार हैं कि ∠BOC = 30° तथा ∠AOB = 60° है। यदि चाप ABC के अतिरिक्त वृत्त पर D एक बिन्दु है तो ∠ADC ज्ञात कीजिए।

Answer - 1 : -

दिया है : O केन्द्र वाला एक वृत्त है जिसकी परिधि पर A, B और C तीन बिन्दु इस प्रकार हैं कि AOB = 60° और BOC = 30° हैं।
चाप ABC के अतिरिक्त वृत्त की परिधि पर एक बिन्दु D है जो चाप ABC के साथ ADC बनाता है।


ज्ञात करना है: ADC गणना : AOB = 60° और BOC = 30°
जोड़ने पर, AOB + BOC = 60° + 30°= 90°
AOC = 90°
AOC, चाप ABC द्वारा केन्द्र पर बना कोण है।
वृत्त की शेष परिधि पर चाप ABC द्वारा बना कोण ADC, AOC का आधा होगा।
ADC = AOC = x 90° =45°

ADC = 45°

Question - 2 : - किसी वृत्त की एक जीवा वृत्त की त्रिज्या के बराबर है। जीवा द्वारा लघु चाप के किसी बिन्दु पर अन्तरित कोण ज्ञात कीजिए तथा दीर्घ चाप के किसी बिन्दु पर भी अन्तरित कोण ज्ञात कीजिए।

Answer - 2 : -

दिया है। एक वृत्त का केन्द्र 0 है। उसकी एक जीवा AB वृत्त की त्रिज्या OA के बराबर है। वृत्त के लघु चाप ACB पर एक बिन्दु C तथा दीर्घ चाप ADB पर एक बिन्दु D है। चाप ACB द्वारा बिन्दु D पर अन्तरित ADB तथा चाप ADB द्वारा बिन्दु C पर अन्तरित ACB है।


ज्ञात करना है : ACB ADB
विश्लेषण गणना :
जीवा AB = वृत्त की त्रिज्या OA या OB
AB = OA = OB
ΔABC
समबाहु त्रिभुज है।
AOB = 60° जो चाप ACB द्वारा केन्द्र पर अन्तरित कोण है। :
चाप ACB द्वारा वृत्त की शेष परिधि के बिन्दु D पर अन्तरित ADB = AOB
ADB = x ADB

x 60° =30°

इसी प्रकार, चाप ADB द्वारा वृत्त के केन्द्र O पर अन्तरित वृहत्कोण AOB = 360° – 60° = 300°
तब चाप ADB द्वारा वृत्त की शेष परिधि के बिन्दु C पर अन्तरित कोण
ACB = वृहत्कोण AOB = x 300° =150°

अतः ACB = 150° तथा ADB = 30°

Question - 3 : - ∠PQR = 100° है, जहाँ P, Q तथा R, केन्द्र O वाले एक वृत्त पर स्थित Q बिन्दु हैं। ∠OPR ज्ञात कीजिए।

Answer - 3 : -

दिया है : O केन्द्र का एक वृत्त है जिसकी परिधि पर P, Q R तीन बिन्दु हैं।


ज्ञात करना है : OPR
गणना : दीर्घ चाप PR द्वारा वृत्त के केन्द्र पर बना कोण वृहत्कोण POR है और इस चाप द्वारा शेष परिधि PQR के बिन्दु Q पर बना PQR है।
PQR = x वृहत्कोण POR

100° = वृहत्कोण POR

वृहत्कोण POR = 200°
तब, शेष कोण POR = 360° – 200° = 160°
अब, ΔPOR में,
OR = OP (
वृत्त की त्रिज्याएँ)
OPR = ORP (समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
पुन: ΔPOR में,
OPR + POR + ORP = 180° (त्रिभुज के अन्त:कोणों को योग 180° होता है।)
OPR + 160° + OPR = 180° (ORP = OPR)
2
OPR = 180° – 160° = 20°
OPR = 10°
अतः OPR = 10°

Question - 4 : - ∠ABC = 69° और ∠ACB = 31° हो, तो ∠BDC ज्ञात कीजिए।

Answer - 4 : -

दिया है : दी गई आकृति में ∠ABC = 69° और ∠ACB = 31° है।
ज्ञात करना है : ∠BDC का मान।
गणना : ΔABC में,
∠ BAC + ∠ABC + ∠ ACB = 180° (त्रिभुज के अन्त:कोणों का योग 180° होता है।)
∠ BAC + 69° + 31° = 180°
∠BAC = 180° – (69° + 31°) = 180° – 100°
∠BAC = 80°
∠BAC व ∠BDC एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं और ∠ BAC = 80° है।
∠BAC = ∠ BDC = 80°
अत: ∠BDC = 80°

Question - 5 : -
एक वृत्त पर A, B, C और D चार बिन्दु हैं। AC और BD एक बिन्दु E पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि ∠ BEC = 130° तथा ∠ECD = 20° है।
∠BAC ज्ञात कीजिए।

Answer - 5 : -

दिया है : दी गई आकृति में एक वृत्त की परिधि पर A, B, C और D चार बिन्दु BF हैं।
AC और BD बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करते हैं।
∠BEC = 130° तथा ∠ECD = 20°
ज्ञात करना है: ∠BAC
रचना : AD को मिलाया।
गणना : ∠ ECD = 20° या ∠ACD = 20°
∠ABD वे ∠ACD एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं।
∠ABD = 20° (∠ACD = 20°)
∠ABE = 20°
ΔABE में ∠BEC बहिष्कोण है।
∠ BAE + ∠ ABE = ∠BEC
∠ BAE + 20° = 130° (दिया है ∠BEC = 130°)
∠BAE = 130° – 20° = 110°
∠ BAC = 110° (∠BAE = ∠BAC)
अत: ∠BAC = 110°

Question - 6 : -
ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसके विकर्ण एक बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करते हैं। यदि ∠DBC = 70° और ∠BAC = 30°हो तो ∠BCDज्ञात कीजिए।
पुनः यदि AB = BC हो तो 2 ECD ज्ञात कीजिए।

Answer - 6 : -

दिया है: ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसमें विकर्ण AC व BD एक-दूसरे को बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करते हैं।
∠DBC = 70° व ∠BAC = 30° और AB = BC है।
ज्ञात करना है : ∠ BCD और ∠ECD
गणना : ∠DAC व ∠DBC एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं।
∠ DAC = ∠DBC के ∠DAC = 70° (∠DBC = 70°)
तब, चतुर्भुज ABCD में,
∠DAB = ∠DAC + ∠BAC = 70° + 30°
∠DAB = 100°
ABCD चक्रीय चतुर्भुज है।
∠DAB + ∠BCD = 180° (सम्मुख कोणों का योग 180° होता है।)
100° + ∠ BCD = 180°
∠ BCD = 180° – 100° = 80°
∠BCD = 80°
अब ΔABC में, AB = BC
∠ACB = ∠BAC (समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
∠ACB = 30° (∠ BAC = 30°)
ऊपर हम सिद्ध कर चुके हैं कि
∠BCD = 80°
∠ACD + ∠ACB = 80° (चित्र से)
∠ACD + 30° = 80° (∠ACB = 30°)
∠ACD = 80° – 30° = 50°
∠ECD = 50° (∠ ECD = ∠ACD)
अतः ∠BCD = 80° और ∠ECD = 50°

Question - 7 : - यदि एक चक्रीय चतुर्भुज के विकर्ण उसके शीर्षों से जाने वाले वृत्त के व्यास हों, तो सिद्ध कीजिए कि वह एक आयत है।

Answer - 7 : -

दिया है: ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसके विकर्ण AC और BD वृत्त के व्यास हैं जो परस्पर बिन्दु O पर काटते हैं।
सिद्ध करना है : ABCD एक आयत है।
उपपत्ति : विकर्ण AC और BD व्यास हैं।
AC = BD
O वृत्त का केन्द्र है।
OA = OC तथा OB = OD
चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
ABCD समान्तर चतुर्भुज है।
∠B = ∠D
परन्तु ABCD चक्रीय चतुर्भुज भी है जिससे
∠B + ∠D = 180° (सम्मुख कोणों का योग = 180°)
उक्त दोनों तथ्यों से ∠B = 90° तथा ∠D = 90°
इसी प्रकार, ∠A = 90° तथा ∠D = 90°
इस प्रकार चतुर्भुज ABCD एक ऐसा समान्तर चतुर्भुज है जिसके अन्त:कोण समकोण हैं।
अत: ABCD एक आयत है।
Proved.

Question - 8 : - यदि एक समलम्ब की असमान्तर भुजाएँ बराबर हों तो सिद्ध कीजिए कि वह चक्रीय है।

Answer - 8 : -

दिया है : समलम्ब चतुर्भुज ABCD में भुजा AD = भुजा BC .
सिद्ध करना है : ABCD चक्रीय चतुर्भुज होगा।
रचना : AD के समान्तर रेखाखण्ड BE खींचा।
उपपत्ति : समान्तर चतुर्भुज ABED में,
∠BAD = ∠BED …..(1)
तथा AD = BE
परन्तु
AD = BC (दिया है।)
BC = BE
तब ΔBEC एक समद्विबाहु त्रिभुज हुआ।
∠BEC = ∠ BCE (समान भुजाओं के सम्मुख कोण) …(2)
∠ BEC + ∠ BED = 180° (ऋजु कोण)
∠ BCE + ∠ BAD = 180° [समीकरण (1) व (2) से ]
∠ BCD +∠ BAD = 180°
इससे स्पष्ट है कि चतुर्भुज ABCD के दो सम्मुख अन्त: कोणों का योग दो समकोण के बराबर है।
अत: चतुर्भुज ABCD चक्रीय चतुर्भुज है।
Proved.

Question - 9 : - दो वृत्त दो बिन्दुओं B और C पर प्रतिच्छेद करते हैं। B से जाने वाले दो रेखाखण्ड ABD और PBQवृत्तों को A, D और P, Q पर क्रमशः प्रतिच्छेद करते हुए खींचे गए हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠ACP = ∠QCD है।

Answer - 9 : -

दिया है : दो वृत्त दी गई आकृति के अनुसार बिन्दुओं B और C पर प्रतिच्छेद करते हैं। दो रेखाखण्ड ABD और PBQ बिन्दु B से जाते हैं। पहला रेखाखण्ड ABD वृत्तों को A व D पर तथा दूसरी PBQ वृत्तों को Pव पर प्रतिच्छेद करता है। C से P और D को मिलाकर ∠ACP और ∠QCD बनाए गए हैं।
सिद्ध करना है :
∠ACP = ∠QCD
उपपत्ति : रेखाखण्ड ABD और PBQ परस्पर बिन्दु B पर काटते हैं।
∠ABP = ∠QBD (शीर्षाभिमुख कोण) …(1)
∠ABP और ∠ACP एक वृत्तखण्ड के कोण हैं।
∠ABP = ∠ACP …(2)
इसी प्रकार, ∠QCD और ∠QBD एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं।
∠QCD = ∠QBD ……(3)
तब समीकरण (1) व (2) से,
∠ACP = ∠QBD …(4)
अब समीकरण (3) व (4) से,
∠ACP = ∠QCD
अतः ∠ACP = ∠QCD
Proved.

Question - 10 : - यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को व्यास मानकर वृत्त खींचे जाएँ, तो सिद्ध कीजिए कि इन वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा पर स्थित है।

Answer - 10 : -

दिया है : ABC एक त्रिभुज है जिसकी भुजाओं AB तथा AC को व्यास मानकर दो वृत्त खींचे गए हैं जो परस्पर बिन्दु X पर काटते हैं।
सिद्ध करना है : बिन्दु X, त्रिभुज की तीसरी भुजा BC पर स्थित है।
रचना : रेखाखण्ड AX खींचिए।
उपपत्ति : AB वृत्त का व्यास है तथा बिन्दु X वृत्त की परिधि पर स्थित है,
∠AXB = 90° (अर्द्धवृत्त में बना कोण समकोण होता है।)
पुनः AC वृत्त का व्यास है तथा बिन्दु X वृत्त की परिधि पर स्थित है,
∠AXC = 90° (अर्द्धवृत्त में बना कोण समकोण होता है।)
∠AXB + ∠AXC = 90° + 90° = 180°
अर्थात ∠ BXC = 180° = ऋजुकोण
अत: B, X और C एक ही रेखा में स्थित हैं।
वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा पर स्थित है।
Proved.

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