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Chapter 11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल एवं ईथर (Alcohols Phenols and Ethers) Solutions

Question - 1 : - निम्नलिखित को प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐल्कोहॉल में वर्गीकृत कीजिए

Answer - 1 : -

प्राथमिक ऐल्कोहॉल : (i), (ii), (iii)
द्वितीयक ऐल्कोहॉल : (iv), (v)
तृतीयक ऐल्कोहॉल : (vi)

Question - 2 : - उपर्युक्त उदाहरणों में से ऐलिलिक ऐल्कोहॉलों को पहचानिए।

Answer - 2 : -

(ii) तथा (vi)

Question - 3 : - निम्नलिखित यौगिकों के आई०यू०पी०ए०सी० (IUPAC) नामपद्धति से नाम दीजिए

Answer - 3 : -

(i) 3-क्लोरोमेथिल-2-आइसोप्रोपिलपेण्टेन-1-ऑल
(ii) 2,5-
डाइमेथिलहेक्सेन -1,3-डाइऑल
(iii) 3-
ब्रोमोसाइक्लोहेक्सेनॉल
(iv)
हेक्स-1-ईन-3-ऑल
(v) 2-
ब्रोमो-3-मेथिलब्यूट-2-ईन-1-ऑल

Question - 4 : - दर्शाइए कि मेथेनल पर उपयुक्त ग्रीन्यार अभिकर्मक से अभिक्रिया द्वारा निम्नलिखित ऐल्कोहॉल कैसे विरचित किए जाते हैं?

Answer - 4 : -


Question - 5 : - निम्नलिखित अभिक्रिया के उत्पादों की संरचना लिखिए –

Answer - 5 : -


(ii) NaBH4 एक दुर्बल अपचायक है, यह ऐल्डिहाइड/कीटोन को अपचयित कर सकता है, परन्तु एस्टर को नहीं।
(iii) -CHO समूह-CH2OH में अपचयित हो जाता है।

Question - 6 : - यदि निम्नलिखित ऐल्कोहॉल क्रमशः (a) HCl-ZnCl2,(b) HBr, (c) SOCl2 से अभिक्रिया करें तो आप अपेक्षित उत्पादों की संरचनाएँ दीजिए।
(i)
ब्यूटेन-1-ऑल
(ii) 2-
मेथिलब्यूटेन-2-ऑल।

Answer - 6 : - (a) HCl-ZnClz (ल्यूकास अभिकर्मक) के साथ

(b) HBr के साथ
(c) SOCl2 के साथ

Question - 7 : -
(i) 1-मेथिलसाइक्लोहेक्सेनॉल और (ii) ब्यूटेन-1-ऑल के अम्ल उत्प्रेरित निर्जलन के मुख्य उत्पादों की प्रागुक्ति कीजिए।
या
किसी ऐल्कोहॉल की किसी एक निर्जलीकरण अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।

Answer - 7 : - (i) 1-मेथिलसाइक्लोहेक्सेनॉल का अम्ल उत्प्रेरित निर्जलन दो उत्पाद, I तथा II दे सकता है। चूँकि उत्पाद (I) अधिक उच्च प्रतिस्थापित है, इसलिए सेटजेफ नियम के अनुसार यह मुख्य उत्पाद है।

(ii) ब्यूटेन-1-ऑल का अम्ल उत्प्रेरित निर्जलन मुख्य उत्पाद के रूप में ब्यूट-2-ईन तथा गौण उत्पाद के रूप में ब्यूट-1-ईन उत्पन्न करता है। इसका कारण यह है कि ऐल्कोहॉलों का निर्जलन कार्बोधनायने माध्यमिकों के द्वारा होता है। पुनः ब्यूटेन-1-ऑलऐल्कोहॉल होने के कारण प्रोटॉनीकरण तथा H2O के विलोपन पर पहलेकार्बोधनायन (I) देता है जो कम स्थायी होने के कारण पुनर्व्यवस्थित होकर अधिक स्थायीकार्बोधनायन (II) बनाता है, तब यह दो भिन्न प्रकारों से प्रोटॉन निकालकर ब्यूट-2-ईन या ब्यूटन-1-ईन बनाता है। चूंकि ब्यूट-2-ईन अधिक स्थायी है, इसलिए सेटजेफ नियम के अनुसार यह मुख्य उत्पाद होता है।

Question - 8 : - ऑथों तथा पैरा-नाइट्रोफीनॉल, फीनॉल से अधिक अम्लीय होते हैं। उनके संगत फीनॉक्साइड आयनों की अनुनादी संरचनाएँ बनाइए।

Answer - 8 : -


प्रतिस्थापित फीनॉलों में इलेक्ट्रॉन निष्कासक समूह (electron withdrawing group) जैसे नाइट्रो समूह; फीनॉल की अम्लीय सामर्थ्य को बढ़ा देते हैं। जब ऐसे समूह ऑर्थों एवं पैरा स्थितियों पर उपस्थित होते हैं तो यह प्रभाव अधिक प्रबल हो जाता है। इसका कारण फोनॉक्साइड आयन के ऋणायन का प्रभावी विस्थानने (delocalisation) है। अत: फीनॉल की तुलना में 0-तथा p-नाइट्रोफीनॉल अधिक अम्लीय होते हैं।

Question - 9 : -
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में सम्मिलित समीकरण लिखिए –
1. राइमर-टीमैन अभिक्रिया
2. कोल्बे अभिक्रिया अथवा कोल्बे श्मिट अभिक्रिया। 

Answer - 9 : - 1. राइमर-टीमैन अभिक्रिया (Reimer-TeimannReaction) – फीनॉल की सोडियम हाइड्रॉक्साइड की उपस्थिति में क्लोरोफॉर्म के साथ अभिक्रिया से बेन्जीन में,—CHO समूह ऑर्थो स्थिति पर प्रवेश कर जाता है। इस अभिक्रिया को राइमर-टीमैन अभिक्रिया कहते हैं।
प्रतिस्थापित मध्यवर्ती बेन्जिल क्लोराइड क्षार की उपस्थिति में अपघटित होकर सैलिसिलैल्डिहाइड बनाता है।

2. कोल्बे अभिक्रिया अथवा कोल्बे श्मिट अभिक्रिया (Kolbe’s Reaction orKolbe Schmidt Reaction) – फीनॉल को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिकृत कराने से बना फीनॉक्साइड आयन, फीनॉल की अपेक्षा इलेक्ट्रॉनरागी ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया के प्रति अधिक क्रियाशील होता है। अतः यह CO2 जैसे दुर्बल इलेक्ट्रॉनरागी के साथ इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन अभिक्रिया करता है। इससे ऑथों-हाइड्रॉक्सीबेन्जोइक अम्ल मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है।

Question - 10 : - एथेनॉल एवं 3-मेथिलपेन्टेन-2-ऑल से प्रारम्भ कर 2-एथॉक्सी-3-मेथिलपेन्टेन के विलियमसन संश्लेषण की अभिक्रिया लिखिए –

Answer - 10 : -


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