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Chapter 2 स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता (Electrostatic Potential and Capacitance) Solutions

Question - 1 : - 5 x 10-8 C तथा -3x 10-8 C के दो आवेश 16cm दूरी पर स्थित हैं। दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के किस बिन्दु पर विद्युत विभव शून्य होगा? अनन्त पर विभव शून्य लीजिए।

Answer - 1 : -


Question - 2 : - 10 cm भुजा वाले एक सम-षट्भुज के प्रत्येक शीर्ष पर 5 µC का आवेश है। षट्भुज के केन्द्र पर विभव परिकलित कीजिए।

Answer - 2 : - समषट्भुज के केन्द्र से प्रत्येक शीर्ष की दूरी समान होती है तथा यह इसकी भुजा a= 10 सेमी के बराबर होगी (चित्र2.3) चूंकि प्रत्येक शीर्ष पर आवेश भी समान (q= 5 µC = 5 x 10-6 C) है, अत: प्रत्येक शीर्ष पर स्थित आवेश के कारण केन्द्र O पर विभव समान होगा।

Question - 3 : -
6 cm की दूरी पर अवस्थित दो बिन्दुओं A एवं B पर दो आवेश 2 µC तथा -2 µC रखे है।
(a) निकाय के सम विभव पृष्ठ की पहचान कीजिए।
(b) इस पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत-क्षेत्र की दिशा क्या है?

Answer - 3 : - (a) दिया है, A B पर दो आवेश 2µC और -2µC रखे हैं।
AB = 6
सेमी =0.06 मीटर
दो दिए गए आवेशों के निकाय का समविभवी पृष्ठ A B को मिलाने वाली रेखा के अभिलम्बवत् होगा। यह पृष्ठ, रेखा ABके मध्य बिन्दु C से गुजरेगा।

इस प्रकार इस पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर समान विभव है और यह शून्य है। अतः यह एक समविभवी पृष्ठ है।
(b)
हमें ज्ञात है कि वैद्युत क्षेत्र सदैव + सेआवेश की ओर दिष्ट होता है। इस प्रकार यहाँ वैद्युत क्षेत्र(+ve) बिन्दु A से ऋणावेशित(-ve) बिन्दु B की ओर कार्य करता है। तथा यह समविभवी पृष्ठ के अभिलम्बवत् है।

Question - 4 : -
12 cm त्रिज्या वाले एक गोलीय चालक के पृष्ठ पर 1.6 x 10-7 C पर आवेश एकसमान रूप से वितरित है।
(a) गोले के अन्दर
(b) गोले के ठीक बाहर
(c) गोले के केन्द्र से 18 cm पर अवस्थित, किसी बिन्दु पर विद्युत-क्षेत्र क्या होगा?

Answer - 4 : - आवेश सदैव चालक के पृष्ठ पर रहता है तथा बाहरी बिन्दुओं के लिए यह ऐसे व्यवहार करता है जैसे सम्पूर्ण आवेश इसके केन्द्र पर स्थित हो।
(a)
गोले के भीतर वैद्युत क्षेत्र, Ein =0
(b)
गोले के पृष्ठ पर वैद्युत क्षेत्र

Question - 5 : - एक समान्तर पट्टिका संधारित्र, जिसकी पट्टिकाओं के बीच वायु है, की धारिता 8 pF (1 pF = 10-12 F) है। यदि पट्टिकाओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए और इनके बीच के स्थान में 6 परावैद्युतक’का एक पदार्थ भर दिया जाए तो इसकी धारिता क्या होगी?

Answer - 5 : - दिया है : पट्टिकाओं के बीच वायु होने पर समान्तर पट्ट संधारित्र की धारिता
C0 = 8 pF = 8 x 10-12 F
यदि प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल =A
तथा पट्टिकाओं के बीच दूरी =d हो, तो

Question - 6 : -
9 pF धारिता वाले तीन संधारित्रों को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है।
(a) संयोजन की कुल धारिता क्या है?
(b) यदि संयोजन को 120 V के संभरण (सप्लाई) से जोड़ दिया जाए, तो प्रत्येक संधारित्र पर क्या विभवान्तर होगा?

Answer - 6 : -

तीनों संधारित्रों में प्रत्येक की धारिता 9 pF है।
अर्थात् C1 = C2 = C3 = 9 pF; संभरण वोल्टता V = 120 वोल्ट
(a) यदि इनके श्रेणी संयोजन की कुल धारिता Cs हो

Question - 7 : -
2 pF, 3 pF और 4 pF धारिता वाले तीन संधारित्र पाश्र्वक्रम में जोड़े गए हैं।
(a) संयोजन की कुल धारिता क्या है?
(b) यदि संयोजन को 100 V के संभरण से जोड़ दें तो प्रत्येक संधारित्र पर आवेश ज्ञात कीजिए।

Answer - 7 : -

यहाँ C1 =2 pF, C2 = 3 pF, C3 = 4 pF तथा संभरण वोल्टता V = 100 वोल्ट
(a)
संधारित्रों के पाश्र्वक्रम (समान्तर संयोजन) की कुल धारिता
C = C1 + C2 + C3 = 2 pF + 3 pF+ 4 pF = 9 pF
(b)
पाश्र्वक्रम संयोजन के प्रत्येक संधारित्र के सिरों के बीच वोल्टता संभरण वोल्टता के बराबर ही होगी अर्थात् V = 100 वोल्ट
अतः C1 = 2 pF = 2 x 10-12 F पर आवेश
Q1 = C2 x V = 2 x 10-12 F x 100
वोल्ट = 2 x 10-10 कूलॉम
C2 = 3 pF = 3 x 10-12 F
पर आवेश
Q2 = C2 x V = 3 x 10-12 F x 100
वोल्ट = 3 x 10-10 कूलॉम
C3 = 4 pF = 4 x 10-12 F
पर आवेश
Q3 = C3 x V = 4 x 10-12 F x 100
वोल्ट = 4 x 10-10 कूलॉम

Question - 8 : - पट्टिकाओं के बीच वायु वाले समान्तर पट्टिको संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल 6 x 10-3 m2 तथा उनके बीच की दूरी 3 mm है। संधारित्र की धारिता को परिकलित कीजिए। यदि इस संधारित्र को 100 V के संभरण से जोड़ दिया जाए तो संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका पर कितना आवेश होगा?

Answer - 8 : - दिया है, प्लेट क्षेत्रफल A= 6 x 10-3 m, y = 100 वोल्ट
बीच की दूरी d= 3 mm = 3 x 10-3 m
धारिता C= ?, प्रत्येक पट्टी पर आवेश =?

Question - 9 : -
प्रश्न 8 में दिए गए संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच यदि 3 mm मोटी अभ्रक की एक शीट (पत्तर) (परावैद्युतांक = 6) रख दी जाती है तो स्पष्ट कीजिए कि क्या होगा जब
(a) विभव (वोल्टेज) संभरण जुड़ा ही रहेगा।
(b) संभरण को हटा लिया जाएगा?

Answer - 9 : - प्रश्न 8 के परिणाम से,
V = 100
वोल्ट,
q = 18 x 10-10 C
अब माध्यम का परावैद्युतांक K= 6
परावैद्युत की मोटाई t= 3 mm = 3 x 10-3 m
t = d;
अत: संधारित्र पूर्णतः परावैद्युत द्वारा भरा है।
संधारित्र की नई धारिता C= KC0 = 6 x 18 pF [C0 = 18 pF]
= 108 pF
(a)
विभव संभरण जुड़ा हुआ है; अत: संधारित्र का विभवान्तर नियत अर्थात्100 वोल्ट रहेगा।
संधारित्र पर नया आवेश q= CV = 108 x 10-12 x 100
= 1.08 x 10-8 C
अतः इस स्थिति में, C= 108 pF, V = 100 V, q = 1.08 x 10-8 C
(b)
विभव संभरण हटा लिया गया है; अत: संधारित्र पर आवेश q= 18 x 10-10 C नियत रहेगा।

Question - 10 : - 12pF का एक संधारित्र 50 V की बैटरी से जुड़ा है। संधारित्र में कितनी स्थिर विद्युत ऊर्जा संचित होगी?

Answer - 10 : - यहाँ C= 12 pF = 12 x 10-12 फैरड; V= 50 वोल्ट
अत: स्थिर वैद्युत ऊर्जा
U = CV2

x (12 x10-12) x (50)² जूल

= 1.50 x 10-8 जूल

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