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Question -

मोहन के लखनऊ आने के बाद के समय को लेखक ने उसके जीवन का एक नया अध्याय क्यों कहा है?



Answer -

लेखक ने मोहन के लखनऊ प्रवास को उसके जीवन का एक नया अध्याय कहा है। यहाँ आने पर उसका जीवन बँधी-बँधाई लीक पर चलने लगा था। वह सुबह से शाम तक नौकर की तरह काम करता था। नए वातावरण व काम के बोझ के कारण मेधावी छात्र की प्रतिभा कुंठित हो गई। उसके उज्ज्वल भविष्य की कल्पनाएँ नष्ट हो गई। अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए उसे कारखानों और फैक्ट्रियों के चक्कर लगाने पड़े। उसे कोई काम नहीं मिल सका।

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