Question -
Answer -
झाँसी की रानी के बचपन का नाम छबीली था उनका बचपन शस्त्र चलाने, घुड़सवारी सीखने, युद्ध कला सीखने में बीता। उन्होनें यह शिक्षा नाना के साथ प्राप्त की, जब वह कुछ बड़ी हुई तो उनका विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव से हो गया। परन्तु जल्द ही राजा की आकस्मिक मृत्यु ने रानी को विधवा बना दिया। राजा के संतानहीन होने का लाभ उठाकर उनकी मृत्यु के पश्चात् अंग्रेज़ों ने झाँसी पर अधिकार जमाने का प्रयास किया। परन्तु रानी ने इसका विरोध किया और अंग्रेज़ों के विरूद्ध अपनी तलवार खींच ली। और इसी स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ों के साथ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुई और भारतीय इतिहास में वीरांगना कहलाई। रानी का बचपन, हमारे बचपन से कई मायने में अलग था। उन्होनें गुड्डे गुड़ियों से न खेलकर तीर, तलवार, भाला, बरछी चलाना सीखा जिससे आगे चलकर रानी का गौरवपूर्ण इतिहास बना।