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Question -

निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो-

(क) गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी।

(ख) लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज्य झाँसी आया।



Answer -

(क) गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी।

इस पंक्ति के द्वारा उस समय के भारत की अवस्था को वर्णित किया गया है। जब अंग्रेज़ों ने अपनी कूटनीतियों के दम पर भारत को अपना गुलाम बना लिया था। कोई भी उनका विरोध करने का साहस न करता और चुपचाप गुलामी की बेड़ियों में जकड़े हुए बैठे रहते। परन्तु रानी लक्ष्मीबाई के विरोध ने सारे भारत को झकझोर दिया। तब भारत की निंद्रा जागी कि जब एक स्त्री लक्ष्मीबाई इनका विरोध कर सकती है तो हम क्यों नहीं, हम क्यों इस गुलामी में जिए हमें भी अपनी स्वतंत्रता प्यारी है और पूरे भारत में स्वतंत्रता की लहर दौड़ पड़ी।

(ख) लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज्य झाँसी आया।

अंग्रेज़ों ने भारत के राज्यों पर कब्ज़ा करने के लिए एक नीति बनाई कि जो राजा संतानहीन होगा उस राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिला लिया जाएगा। झाँसी के राजा की मृत्यु्‌, अंग्रेज़ों के लिए सोने पे सुहागा वाली बात थी। वो बिना वक्त गवाएँ रानी लक्ष्मीबाई के पास झाँसी पहुँच गए कि अब इस राज्य को चलाने के लिए कोई उत्तराधिकारी नहीं है तो अब ये ब्रिटिश सरकार के अधीन कर लिया जायेगा। वे स्वंय इस राज्य का कार्यभार सँभालेंगे।

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