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Chapter 14 अकबरी लोटा Solutions

Question - 11 : -
अंग्रेज़ लोटा न खरीदता?

Answer - 11 : -

यदि अंग्रेज़ लोटा नहीं खरीदता तो बिलवासी जी को अपनी पत्नी से चुराए हुए रूपए लाला झाऊलाल को देना पड़ता। अन्यथा झाऊलाल अपनी पत्नि को पैसे नहीं दे पाते।

Question - 12 : -
यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?

Answer - 12 : -

यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता तो सम्भवत: लाला झाऊलाल को गिरफ्तार कर लिया जाता या उन्हें जुर्माना देना पड़ता। दोनों ही परिस्थितियों में लाला झाऊलाल अपनी पत्नी को दिया हुआ वचन निभाने में असमर्थ होते।

Question - 13 : -
जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?

Answer - 13 : -

गले से चाबी निकालते समय यदि बिलवासी जी की पत्नी जग जाती तो अपनी पत्नी के समक्ष उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता। चोरी का इल्ज़ाम भी बिलवासी जी को सहना पड़ता।

Question - 14 : -
”अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।” उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?

Answer - 14 : -

आकाश में उपस्थित आग के गोले को उल्का कहते हैं। उल्का तथा ग्रह दोनों ही चमकते हैं। दोनो एक जैसे पदार्थों से ही बने होते हैं। ग्रह अपने जगह पर रहकर सुर्य की परिक्रमा करते हैं परन्तु उल्का के गमन की कोई निश्चित दिशा नहीं होती है। किसी तारे का छोटा चट्टानी टुकड़ा उल्का कहलाता है।

Question - 15 : -
”इस कहानी में आपने दो चीज़ों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ीं-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी।”

आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?

Answer - 15 : -

यह कहानियाँ काल्पनिक हैं। जहाँगीरी अंडे की बात पूरी तरह से काल्पनिक है। क्योंकि एक अंडे को इतने दिनों तक सँभालकर रखना सम्भव नहीं है तथा अकबरी लोटे के सम्बंध में भी कोई प्रमाण नहीं है।

Question - 16 : -
बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत ?

Answer - 16 : -

बिलवासी जी ने चोरी करके रूपयों का प्रबंध किया। किसी की सहायता करने का यह तरीका गलत है। दूसरी ओर बिलवासी जी ने एक अंग्रेज़ से झूठ बोलकर भी रूपयों का प्रंबध किया था। यह भी गलत है। सम्भवत: उन्हें अपनी पत्नी को समझाकर उनसे रूपए माँगने चाहिए थे।

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