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Question -

‘तें ही पूत अनोखौ जायौ’ – पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?



Answer -

इस पंक्ति में गोपी के मन के अनेक भाव मुखरित हो रहे हैं

  1. बार-बार शिकायत करने के बाद भी यशोदा कुछ नहीं करती हैं
  2. यशोदा ने शायद अनोखा पुत्र जन्म दिया है, जो शरारतें करने से बाज़ नहीं आता है
  3. वह मक्खन, दूध-दही आदि जमीन पर बिखरा देता है।
  4. अपनी शरारतों में वह अपने साथियों को भी शामिल कर लेता है

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