MENU
Question -

निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए-
(क)अविश्रांत बरसा करके भी
 आँखें तनिक नहीं रीतीं

(ख) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

(ग) हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर ।

(घ) पापी ने मंदिर में घुसकर ।
किया अनर्थ बड़ा भारी



Answer -

(क)
आशय-सुखिया के पिता की आँखें निरंतर बहती रहीं। फिर भी उनमें से आँसू नहीं थमे। उसके हृदय की वेदना कम नहीं हुई।
अर्थ-सौंदर्य-इसमें सुखिया के पिता की असीम वेदना पूरे वेग से प्रकट हुई है। उसकी वेदना अनंत है। विशेषोक्ति अलंकार का कुशलतापूर्वक प्रयोग किया गया है। बहुत कुछ बरसने के बाद भी वे आँसुओं से भरी रहीं।

(ख)
आशय- सुखिया के पिता ने देखा कि सुखिया की चिता बुझ चुकी थी। उसकी फूल जैसी कोमल बच्ची अब इस दुनिया में नहीं थी। उसे अपनी बच्ची की जगह राख की ढेरी मिली। इससे उसके हृदय का दुख और भी बढ़ गया।

अर्थ सौंदर्य- सुखिया के पिता ने देखा कि उसके निकट संबंधियों ने जो चिता जलाई थी, वह बुझ चुकी है, परंतु इससे सुखिया के हृदय की चिता धधकने लगी। एक चिता का बुझना, दूसरी को धधकना हृदय के बढ़े दुख की अभिव्यक्ति कर रहा है।

(ग) 
आशय-सुखिया के पिता ने अपनी बेटी को बीमारी की अवस्था में बिस्तर पर पड़े देखा। उसे याद आया कि सुखिया बहुत चंचल थी, शरारती थी। वह पल-भर के लिए भी टिककर नहीं बैठती थी। आज वही नटखट लड़की बीमारी की लाचारी के कारण बिस्तर पर ऐसे चुपचाप लेटी पड़ी थी मानो वह शांति की स्थिर मूर्ति हो।
अर्थ-सौंदर्य-इसमें बीमारी की मनोदशा में उत्पन्न होने वाली मौन उदासी का हृदयद्रावक चित्रण हुआ है।
‘अटल शांति-सी’ उपमा बहुत सुंदर बन पड़ी है। ‘हाय’ शब्द से हृदय की वेदना व्यक्त हो चली है।

(घ) 
आशय- सुखिया का पिता अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए मंदिर से देवी का प्रसाद लेने गया। उस अछूत के मंदिर में प्रवेश करने को मंदिर की पवित्रता भंग करने और देवी को अपमानित करने वाला माना गया। उसका मंदिर में प्रवेश करना भारी अनर्थ होने जैसा था।
अर्थ-सौंदर्य- एक अछूत द्वारा मंदिर में प्रवेश करना समाज के तथाकथित उच्च वर्ग को ऐसा लग रहा था, जैसे बड़ा भारी अनर्थ हो गया। अर्थात् अब देवी रुष्ट हो जाएगी और भारी तबाही मच जाएगी। इस भाव के लिए बड़ा भारी अनर्थ शब्द का प्रयोग हुआ है।

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×