Question -
Answer -
भारत में विद्युत क्षेत्रक में उत्पादन एवं वितरण की प्रणाली पर सरकार का एकाधिकार है। राज्य विद्युत बोर्ड, जो बिजली का वितरण करते हैं, वित्तीय घाटा उठा रहे हैं। इस वित्तीय घाटे के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी हैं
1. विभिन्न पॉवर स्टेशनों द्वारा जनित बिजली का पूरा उपभोग उपभोक्ता नहीं करते।
2. बिजली के सम्प्रेषण में विद्युत का क्षय होता है।
3. किसानों व लघु उद्योगों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता कम है।
इस वित्तीय घाटे को कम करने के लिए सरकार निजी व विदेशी क्षेत्रक को विद्युत उत्पादन व वितरण में सहभागिता बढ़ाने को प्रोत्साहित कर रही है। उपर्युक्त समस्याओं के अतिरिक्त भारत में बिजली से जुड़ी कुछ और समस्याएँ निम्नलिखित हैं
- भारत की वर्तमाने बिजली उत्पादन क्षमता 7 प्रतिशत की प्रतिवर्ष आर्थिक क्षमता अभिवृद्धि के लिए | पर्याप्त नहीं है।
- राज्य विद्युत बोर्ड जो विद्युत वितरण करते हैं, की लाइन हानि पाँच सौ मिलियन से ज्यादा है। | इसका कारण सम्प्रेषण और वितरण में क्षय, बिजली की अनुचित कीमतें और अकार्यकुशलता है।
- बिजली के क्षेत्र में निजी व विदेशी क्षेत्रक की भूमिका बहुत कम है।
- भारत के विभिन्न भागों में बिजली की ऊँची दरें और लम्बे समय तक बिजली गुल होने से आमतौर | पर जनता में असन्तोष है।
- तापीय संयन्त्रों में कच्चे माल एवं कोयले की आपूर्ति कम है।