Question -
Answer -
1953-54 में ऊर्जा के कुल उपभोग के 55 प्रतिशत में कोयले का प्रयोग होता था। पेट्रोलियम तथा विद्युत ऊर्जा का उपभोग क्रमशः 16.7 प्रतिशत व 3.2 प्रतिशत था। इस समय प्राकृतिक गैस का प्रयोग नहीं किया जाता था। 1960-61 ई० में ऊर्जा स्रोत के रूप में कोयले के उपभोग में कमी हुई। इसके विपरीत पेट्रोलियम तथा विद्युत ऊर्जा के उपभोग में मामूली-सी वृद्धि हुई। सत्तर के दशक में यह वृद्धि 1953-54 की तुलना में दो गुनी हो गई तथा कोयले का उपभोग 56.1 प्रतिशत रह गया। इसी दशक में प्राकृतिक गैस का भी ऊर्जा के रूप में उपयोग होने लगा। यही वृद्धि अस्सी वे नब्बे के दशक में भी जारी रही। वर्तमान में भारत में कुल ऊर्जा उपभोग का 65 प्रतिशत व्यावसायिक ऊर्जा से पूरा होता है। इसमें कोयले का अंश सर्वाधिक (55 प्रतिशत) है। इसके अतिरिक्त इसमें तेल (31 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (11 प्रतिशत) और जल ऊर्जा (3 प्रतिशत) सम्मिलित हैं। जलाऊ लकड़ी, गाय का गोबर और कृषि का कूड़ा-कचरा आदि गैर-व्यावसायिक ऊर्जा स्रोतों का उपभोग भारत में कुल ऊर्जा उपभोग का 30 प्रतिशत से ज्यादा है।