The Total solution for NCERT class 6-12
कोई कण t = 0 क्षण पर मूलबिन्दु से 10
Answer - 21 : -
तथा क्रमशः x-व y-अक्षों के अनुदिशएकांक सदिश हैं। सदिशों +तथा – का परिमाण तथा दिशाएँ क्या होंगी? सदिशों A = 2+ 3के +व – की दिशाओं के अनुदिश घटक निकालिए (आप ग्राफी विधि का उपयोग कर सकते हैं)।
Answer - 22 : - तथा परस्पर लम्ब एकांक सदिश हैं; अर्थात् इनके बीच का कोण θ = 90° है।
Answer - 23 : -
Answer - 24 : -
(a) असत्य है, क्योंकि किसी अदिश का किसी प्रक्रिया में संरक्षित रहना आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिए, ऊपर की ओर फेंके गए पिण्ड की गतिज ऊर्जा (अदिश राशि) पूरी यात्रा में बदलती रहती है।(b) असत्य है, क्योंकि अदिश राशि ऋणात्मक, शून्य या धनात्मक कुछ भी मान ग्रहण कर सकती है; जैसे किसी वस्तु का ताप एक अदिश राशि है, जो धनात्मक, शून्य या ऋणात्मक कुछ भी हो सकता है।(c) असत्य है, उदाहरण के लिए, किसी वस्तु का द्रव्यमान अदिश राशि है परन्तु इसकी विमा (M1) है।(d) असत्य है, उदाहरण के लिए ताप एक अदिश राशि है, किसी छड़ में ऊष्मा के एकविमीय प्रवाह में, प्रवाह की दिशा में ताप बदलता जाता है।(e) सत्य है, क्योंकि अदिश राशि में दिशा नहीं होती; अतः यह प्रत्येक विन्यास में स्थित दर्शक के लिए समान मान रखती है। उदाहरण के लिए, किसी वस्तु के द्रव्यमान का मान प्रत्येक दर्शक के लिए समान होगा।
Answer - 25 : - माना10s के अन्तराल पर वायुयान की दो स्थितियाँ क्रमशः P तथा Q हैं जबकि 0 प्रेक्षण बिन्दु है।
Answer - 26 : - सभी सदिशों की स्थिति नहीं होती। किसी बिन्दु के स्थिति सदिश के समान कुछ सदिशों की स्थिति होती है जबकि वेग सदिश के समान कुछ सदिशों की कोई स्थिति नहीं होती। हाँ, कोई सदिश समय के साथ परिवर्तित हो सकता है, जैसे- गतिमान कण की स्थिति सदिश । आवश्यक नहीं है, उदाहरण के लिए दो अलग-अलग बिन्दुओं पर लगे बराबर बल अलग-अलग आघूर्ण उत्पन्न करेंगे।
Answer - 27 : - किसी राशि में परिमाण तथा दिशी होने पर उसका सदिश होना आवश्यक नहीं है। सदिश होने के लिए किसी राशि में परिमाण तथा दिशा के साथ-साथ उसे सदिश नियमों का पालन भी करना चाहिए। उदाहरण के लिए प्रत्येक घूर्णन कोण एक सदिश राशि नहीं हो सकता। केवल सूक्ष्म घूर्णन को ही सदिश राशि माना जा सकता है।
Answer - 28 : -
Answer - 29 : - यहाँ प्रक्षेप्य कोण θ0 = 30°तथा क्षैतिज परास R = 3.0 किमी
Answer - 30 : - लड़ाकू जहाज की ऊँचाई,