The Total solution for NCERT class 6-12
sp संकरण के कारण BeH2 अणु की ज्यामिति रेखीय होती है। इस कारण इसमें उपस्थित दोनों BeH आबन्धों के आबन्ध आघूर्ण (bond moments) एक-दूसरे के विपरीत दिशा में कार्य करते हैं। परिणाम में समान होने के कारण तथा विपरीत दिशा में कार्य करने के कारण ये एक-दूसरे का निराकरण कर देते हैं। फलस्वरूप BeH2 का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य प्राप्त होता है।