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Question -

किसी कार्बनिक यौगिक में नाइट्रोजन के आकलन की (i) ड्यूमा विधि तथा (ii) कैल्डाल विधि के सिद्धान्त की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।



Answer -

नाइट्रोजन के परिमाणात्मक निर्धारण की निम्नलिखित दो विधियाँ प्रयुक्त की जाती हैं-
(i)
ड्यूमा विधि (Duma’s Method)–नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक यौगिक क्यूप्रिक ऑक्साइड के साथ गर्म करने पर इसमें उपस्थित कार्बन, हाइड्रोजन, गन्धक तथा नाइट्रोजन क्रमशः CO2, H2O,SO2 और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों (NO2, NO, N2O) के रूप में ऑक्सीकृत हो जाते हैं। इस गैसीय मिश्रण को रक्त तप्त कॉपर की जाली के ऊपर प्रवाहित करने पर नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का नाइट्रोजन में अपचयन हो जाता है।

4Cu + 2NO2 → 4CuO + N2 ↑
2Cu +2NO → 2CuO +N2 ↑
Cu +N2O → CuO + N2 ↑

इस प्रकार N2, CO2,H2O तथा SO2 युक्त गैसीय मिश्रण को KOH से भरी नाइट्रोमीटर नामक अंशांकित नली में प्रवाहित करने पर CO2, H2O तथा SO2 का KOH द्वारा अवशोषण हो जाता है। और बची हुई N2 गैस को नाइट्रोमीटर में जल के ऊपर एकत्र कर लिया जाता है। इस नाइट्रोजन का आयतन वायुमण्डल के दाब तथा ताप पर नोट कर लेते हैं। फिर इस आयतन को गैस समीकरण की सहायता से सामान्य ताप दाब (N.T.P) पर परिवर्तित कर लेते हैं।

(ii) कैल्डाल विधि (Kjeldahl’s Method)-यह विधि इस सिद्धान्त पर आधारित है कि जब किसी नाइट्रोजनयुक्त कार्बन यौगिक को पोटैशियम सल्फेट की उपस्थिति में सान्द्र H2SO4 के साथ गर्म करते हैं तो उसमें उपस्थित नाइट्रोजन पूर्णरूप से अमोनियम सल्फेट में परिवर्तित हो जाती है। इस प्रकार प्राप्त अमोनियम सल्फेट को साद्र कॉस्टिक सोडा विलयन के साथ गर्म करने पर अमोनिया गैस निकलती है जिसको ज्ञात सान्द्रण वाले H2SO4 के निश्चित आयतन में अवशोषित कर लेते हैं। इस अम्ल का मानक NaOH के साथ अनुमापन करके गणना द्वारा अवशोषित हुई अमोनिया की मात्रा ज्ञात की जाती है। फिर नाइट्रोजन के आयतन की गणना कर ली जाती है।

(NH4)2SO4 + 2NaOH → Na2SO4 +2H2O + 2NH3
2NH3 + H2SO4 → (NH4)2SO4

मान लिया, कार्बनिक यौगिक का भार = m
प्रयुक्त अम्ल का आयतन =y मिली
प्रयुक्त अम्ल की नॉर्मलता = N

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