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Question -

वृक्क के कार्य में जक्सटा गुच्छ उपकरण (JGA) का क्या महत्त्व है?



Answer -

जक्सटा गुच्छ उपकरण (Juxta glomerular apparatus, JGA) की उत्सर्जन में जटिल नियमनकारी भूमिका है।JGA की विशिष्ट कोशिकाएँ केशिकागुच्छ नियंदन का स्वनियमन स्वयं वृक्क द्वारा उत्पन्न दाबक क्रियाविधि(renal pressure mechanism) की उपस्थिति के कारण होता है। इसकी खोज टाइगरस्टीट और बर्गमन (Tigersteat and Bergman, 1898) ने की।JGA की विशिष्ट कोशिकाओं से रेनिन हॉर्मोन स्रावित होता है। Na+ की कम सान्द्रता या निम्न केशिकागुच्छ निस्पंदन दर या निम्न केशिकागुच्छ दाब (glomerular pressure) के कारण रेनिन रक्त में उपस्थित एन्जियोटेंसिनोजन (angiotensinogen) को एन्जियोटेन्सिन-I (angiotensin-I) और बाद में एन्जियोटेन्सिन-II (angiotensin-II) में बदलता है। एन्जियोटेन्सिन-II एक प्रभावकारी वाहिका संकीर्णक (vasoconstrictor) का कार्य करता है, जो गुच्छीय रुधिर दाब तथा जी०एफ०आर० (glomeruler filtration rate, GFR) को बढ़ा देता है। एन्जियोटेन्सिन-II अधिवृक्क वल्कुट को ऐल्डोस्टेरॉन (aldosterone) हॉर्मोन के स्रावण को प्रेरित करता है। ऐल्डोस्टेरॉन स्रावी नलिका के दूरस्थ भाग में Na’ तथा जल के पुनरावशोषण को बढ़ाता है। इससे रक्त दाब तथा जी०एफ०आर० में वृद्धि होती है। यह जटिल क्रियाविधि रेनिन एन्जियोटेन्सिन (renin angiotensin mechanism) कहलाती है।

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