Question -
Answer -
(i) रेशेदार प्रोटीन (Fibrous proteins) :
जब पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाएँ समानान्तर होती हैं। तथा हाइड्रोजन एवं डाइसल्फाइड आबन्धों द्वारा संयुक्त रहती हैं तो रेशासम (रेशे जैसी) संरचना बनती है। इस प्रकार के प्रोटीन सामान्यत: जल में अविलेय होती हैं। रेशेदार प्रोटीन जन्तु ऊतकों की प्रमुख संरचनात्मक पदार्थ होती हैं। कुछ सामान्य उदाहरण किरेटिन (बाल, ऊन तथा रेशम में उपस्थित) तथा मायोसिन (मांसपेशियों में उपस्थित) आदि हैं।
(ii) गोलिकाकार प्रोटीन (Globular proteins) :
जब पॉलिपेप्टाइड की श्रृंखलाएँ कुण्डली बनाकर गोलाकृति प्राप्त कर लेती हैं तो ऐसी संरचनाएँ प्राप्त होती हैं। ये सामान्यतः जल में विलेय होती हैं क्योकि इनके अणु दुर्बल अन्तराअणुक बलों द्वारा जुड़े रहते हैं। इन्सुलिन तथा ऐल्बुमिन इनके सामान्य उदाहरण