Question -
Answer -
(a) संतृप्त विलयन – किसी दिए हुए तापमान पर जब उस द्रव में और अधिक विलेय पदार्थ न घुल सके उसे संतृप्त घोल कहते हैं।
उदाहरण- कक्ष ताप (20°C) पर 50 mL पानी एक बीकर में लो। अब इसमें सोडियम क्लोराइड (नमक) थोड़ा-थोड़ा करके डालो और घोल लो। ध्यान रहे कि नमक तली में न रहे। इसी प्रकार नमक डालो और हिलाओ। एक स्थिति ऐसी आ जाती है कि और पदार्थ (नमक) घुलना बन्द हो जाता है। यही कक्ष ताप पर संतृप्त विलयन है।
(b) शुद्ध पदार्थ – वे वस्तुएँ जिनका दिए गए तापमान पर रंग-रूप, संरचना, स्वाद व स्वभाव एक समान रहे और उसके हर भाग में संरचना समान हो और उसे सरल
भौतिक विधियों द्वारा और सरल पदार्थों में विभाजित न किया जा सके उसे शुद्ध पदार्थ कहते हैं।
एक शुद्ध पदार्थ या तो तत्त्व होगा या फिर यौगिक।
उदाहरण- सोना, चाँदी, सोडियम, पोटैशियम, कार्बन डाइऑक्साइड आदि शुद्ध पदार्थ हैं।
(c) कोलाइड – यह एक ऐसा विषमांगी मिश्रण है। जिसमें विलेय व विलायक दोनों के कण समान रूप से फैले होते हैं और अधिक देर तक रखने पर भी कण नीचे नहीं बैठते। क्योंकि इनका आकार 1 nm से 100 nm के बीच होता है। ये कोलाइडी कण परिक्षेपण माध्यम में से गुजरने वाले दृश्य प्रकाश का प्रकीर्णन कर देते हैं।
उदाहरण- दूध, स्याही, धुंध, रक्त आदि।
(d) निलम्बन – निलम्बन एक ऐसा विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलायक में विलेय पदार्थ घुलता नहीं है और उसके कणों को नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है। इसके कणों का आकार 10-5 cm से भी ज्यादा होता है। अधिक देर बिना हिलाए रखने पर कण नीचे बैठ जाते हैं।
उदाहरण- जैसे-चॉक के पाउडर को पानी में विलयन।