Chapter 8 संरचना Solutions
Question - 11 : - पिछले वर्षों के दौरान ऊर्जा के उपभोग प्रतिमानों में कैसे परिवर्तन आया है?
Answer - 11 : -
1953-54 में ऊर्जा के कुल उपभोग के 55 प्रतिशत में कोयले का प्रयोग होता था। पेट्रोलियम तथा विद्युत ऊर्जा का उपभोग क्रमशः 16.7 प्रतिशत व 3.2 प्रतिशत था। इस समय प्राकृतिक गैस का प्रयोग नहीं किया जाता था। 1960-61 ई० में ऊर्जा स्रोत के रूप में कोयले के उपभोग में कमी हुई। इसके विपरीत पेट्रोलियम तथा विद्युत ऊर्जा के उपभोग में मामूली-सी वृद्धि हुई। सत्तर के दशक में यह वृद्धि 1953-54 की तुलना में दो गुनी हो गई तथा कोयले का उपभोग 56.1 प्रतिशत रह गया। इसी दशक में प्राकृतिक गैस का भी ऊर्जा के रूप में उपयोग होने लगा। यही वृद्धि अस्सी वे नब्बे के दशक में भी जारी रही। वर्तमान में भारत में कुल ऊर्जा उपभोग का 65 प्रतिशत व्यावसायिक ऊर्जा से पूरा होता है। इसमें कोयले का अंश सर्वाधिक (55 प्रतिशत) है। इसके अतिरिक्त इसमें तेल (31 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (11 प्रतिशत) और जल ऊर्जा (3 प्रतिशत) सम्मिलित हैं। जलाऊ लकड़ी, गाय का गोबर और कृषि का कूड़ा-कचरा आदि गैर-व्यावसायिक ऊर्जा स्रोतों का उपभोग भारत में कुल ऊर्जा उपभोग का 30 प्रतिशत से ज्यादा है।
Question - 12 : - ऊर्जा के उपभोगे और आर्थिक संवृद्धि की दरें कैसे परस्पर सम्बन्धित हैं?
Answer - 12 : -
किसी राष्ट्र की विकास प्रक्रिया में ऊर्जा का महत्त्वपूर्ण स्थान है, साथ ही यह उद्योगों के लिए भी अनिवार्य है। आज ऊर्जा का उपभोग कृषि और उससे सम्बन्धित क्षेत्रों जैसे खाद, कीटनाशक और कृषि उपकरणों के उत्पादन और यातायात में भारी स्तर पर हो रहा है। घरों में इसकी आवश्यकता भोजन बनाने, घरों को प्रकाशित करने और गर्म करने के लिए होती है। संक्षेप में ऊर्जा के अधिक इस्तेमाल का मतलब अधिक आर्थिक विकास होता है। ऊर्जा के नवीनीकृत स्रोतों के इस्तेमाल से धारणीय आर्थिक विकास होता
Question - 13 : - भारत में विद्युत क्षेत्रक किन समस्याओं का सामना कर रहा है?
Answer - 13 : -
भारत में विद्युत क्षेत्रक में उत्पादन एवं वितरण की प्रणाली पर सरकार का एकाधिकार है। राज्य विद्युत बोर्ड, जो बिजली का वितरण करते हैं, वित्तीय घाटा उठा रहे हैं। इस वित्तीय घाटे के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी हैं
1. विभिन्न पॉवर स्टेशनों द्वारा जनित बिजली का पूरा उपभोग उपभोक्ता नहीं करते।
2. बिजली के सम्प्रेषण में विद्युत का क्षय होता है।
3. किसानों व लघु उद्योगों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता कम है।
इस वित्तीय घाटे को कम करने के लिए सरकार निजी व विदेशी क्षेत्रक को विद्युत उत्पादन व वितरण में सहभागिता बढ़ाने को प्रोत्साहित कर रही है। उपर्युक्त समस्याओं के अतिरिक्त भारत में बिजली से जुड़ी कुछ और समस्याएँ निम्नलिखित हैं
- भारत की वर्तमाने बिजली उत्पादन क्षमता 7 प्रतिशत की प्रतिवर्ष आर्थिक क्षमता अभिवृद्धि के लिए | पर्याप्त नहीं है।
- राज्य विद्युत बोर्ड जो विद्युत वितरण करते हैं, की लाइन हानि पाँच सौ मिलियन से ज्यादा है। | इसका कारण सम्प्रेषण और वितरण में क्षय, बिजली की अनुचित कीमतें और अकार्यकुशलता है।
- बिजली के क्षेत्र में निजी व विदेशी क्षेत्रक की भूमिका बहुत कम है।
- भारत के विभिन्न भागों में बिजली की ऊँची दरें और लम्बे समय तक बिजली गुल होने से आमतौर | पर जनता में असन्तोष है।
- तापीय संयन्त्रों में कच्चे माल एवं कोयले की आपूर्ति कम है।
Question - 14 : - भारत में ऊर्जा संकट से निपटने के लिए किए गए सुधारों पर चर्चा कीजिए।
Answer - 14 : -
निरन्तर आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि से भारत में ऊर्जा की माँग में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। यह माँग वर्तमान में देश में उत्पन्न हो रही ऊर्जा की तुलना में बहुत अधिक है। अत: भारत ऊर्जा के संकट खे गुजर रहा है।
ऊर्जा संकट से बचाव के उपाय
इस संकट से बचने के लिए निम्नलिखित सुधार किए गए हैं
- भारत ने निजी व विदेशी क्षेत्रकों को बिजली उत्पादन तथा वितरण के लिए अनुमति दे दी है।
- सरकार गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के उपभोग को प्रोत्साहन दे रही है।
- सरकार विद्युत वितरण में होने वाली हानि (लाइन लॉस) को कम करने का प्रयास कर रही है।
- विद्युत उत्पादन की समस्या से बचने के लिए केन्द्रीय विद्युत अथॉरिटी एवं केन्द्रीय नियमन आयोग की स्थापना की गई है।
Question - 15 : - हमारे देश की जनता के स्वास्थ्य की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
Answer - 15 : -
स्वास्थ्य सम्पूर्ण शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक कल्याण की अवस्था है। इसका अर्थ केवल बीमारी का न होना ही नहीं है, बल्कि इससे अभिप्राय एक व्यक्ति की स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक अवस्था से है। स्वास्थ्य राष्ट्र की समग्र संवृद्धि और विकास से जुड़ी एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। एक देश की स्वास्थ्य की स्थिति को शिशु मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर, जीवन प्रत्याशा, पोषण स्तर, छूत एवं अछूत की बीमारियों के आधार पर आँका जाता है। हमारे देश भारत में कुछ स्वास्थ्य सूचक निम्नलिखित तालिका में दर्शाए गए हैं
क्र०सं० | सूचक | |
1 | शिशु मृत्यु दर/प्रति 1000 शिशु | 68 |
2 | पाँच वर्ष के नीचे मृत्यु दर/प्रति 1000 शिशु | 87 |
3 | प्रशिक्षित परिचारिका द्वारा जन्म | 43 |
4 | पूर्ण प्रतिरक्षित | 67 |
5 | सकल घरेलू उत्पाद में स्वास्थ्य पर व्यय (%) | 4.8 |
6 | कुल व्यय में सरकारी हिस्सेदारी | 21.3 |
7 | कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकारी हिस्सेदारी।। | |
8 | स्वास्थ्य पर व्यय (अन्तर्राष्ट्रीय डॉलर में प्रति व्यक्ति आय) | 96 |
Question - 16 : - रोग वैश्विक भार (GDB) क्या है?
Answer - 16 : -
विश्व रोग भार (GDB) एक सूचक है जिसका प्रयोग विशेषज्ञ किसी विशेष रोग के कारण असमय मरने वाले लोगों की संख्या के साथ-साथ रोगों के कारण असमर्थता में बिताए सालों की संख्या जानने के लिए करते हैं।
Question - 17 : - हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की प्रमुख कमियाँ क्या हैं?
Answer - 17 : -
हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की प्रमुख कमियाँ इस प्रकार हैं
1. यद्यपि देश की 72 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है परन्तु ग्रामीण जनसंख्या की तुलना में शहरी जनसंख्या को अधिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
2. अधिकतर सरकारी अस्पताल शहरों में स्थित हैं।
3. गाँवों में कुल अस्पताल को 30 प्रतिशत तथा बिस्तर का 25 प्रतिशत से अधिक नहीं है।
4. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक 1 लाख लोगों पर 0.36 अस्पताल हैं जबकि शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 3.6 । अस्पतालों की है।
5. ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों में एक्स-रे या खून की जाँच करने जैसी | सुविधाएँ नहीं हैं।
6. ग्रामीणों को शिशु चिकित्सा, स्त्री रोग चिकित्सा, संवेदनाहरण तथा प्रसूति विद्या जैसी विशिष्ट चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं।
7. गाँवों में चिकित्सक का हमेशा अभाव रहता है।
8. भारत में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निर्धनतमे लोग अपनी आय का 12 प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधाओं पर व्यय करते हैं जबकि धनी केवल 2 प्रतिशत व्यय करते हैं।
Question - 18 : - महिलाओं का स्वास्थ्य गहरी चिन्ता का विषय कैसे बन गया है?
Answer - 18 : -
भारत की जनसंख्या का लगभग आधा भाग महिलाओं का है। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी, पुरुषों की अपेक्षा काफी कम है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार देश में शिशु-लिंग अनुपात प्रति हजार पुरुषों पर महिलाएँ 943 हैं। 15 वर्ष से कम आयु वर्ग की लगभग 3 लाख लड़कियाँ न केवल शादीशुदा हैं बल्कि कम-से-कम एक बच्चे की माँ भी हैं। विवाहित महिलाओं में 50 प्रतिशत से ज्यादा रक्ताभाव एवं रक्तक्षीणता से पीड़ित हैं। इसी कारण महिलाओं का स्वास्थ्य गहरी चिन्ता बन गया है।
Question - 19 : - सार्वजनिक स्वास्थ्य का अर्थ बतलाइए। राज्य द्वारा रोगों पर नियन्त्रण के लिए उठाए गए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बताइए।
Answer - 19 : -
सार्वजनिक स्वास्थ्य का अर्थ सार्वजनिक स्वास्थ्य से आशय देश के समस्त लोगों के स्वास्थ्य से है। किसी देश के लोगों के स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं
- माँ का स्वास्थ्य उत्तम हो ताकि बच्चे भी नीरोगी व स्वस्थ पैदा हों।
- बच्चों को भयानक बीमारियों; जैसे-मलेरिया, तपेदिक, चेचक, पोलियो आदि; से बचाव के लिए | उन्हें समय पर उचित टीके लगाए जाने चाहिए।
- लोगों को खाने के लिए पर्याप्त एवं पौष्टिक भोजन प्राप्त होना चाहिए। सन्तुलित भोजन से बच्चों | की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- बीमारी के समय उचित उपचार की सुविधा होनी चाहिए, इससे रोग संक्रामक नहीं हो पाएँगे।
- रोगों के नियन्त्रण सम्बन्धी कार्यक्रम
राज्य द्वारा रोगों को नियन्त्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए गए हैं
1. मलेरिया नियन्त्रण-यह मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी के विरुद्ध विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम है।
2. राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम-कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों की दृष्टि से विश्व के कुल प्रभावित व्यक्तियों का लगभग 67% भारत में है। इसे दूर करने के लिए सन् 1983 में राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम आरम्भ किया गया।
3. तपेदिक नियन्त्रण कार्यक्रम-अनुमान है कि देश में लगभग 64 मिलियन लोग सक्रिय तपेदिक से प्रभावित हैं। इस कार्यक्रम के द्वारा तपेदिक अब लाइलाज बीमारी नहीं रह गई है।
4. अन्धता नियन्त्रण–देश में अन्धता नियन्त्रण पर पर्याप्त ध्यान दिए जाने के कारण अब अन्धता | दर में निरन्तर कमी आ रही है। 5. एच०आई०वी०/एड्स नियन्त्रण-सन् 1987 से प्रारम्भ इस कार्यक्रम के अन्तर्गत इस रोग से ग्रसित रोगियों का पता लगाने, रोग के संक्रमण को नियन्त्रित करने तथा रोगियों का समुचित उपचार करने के लिए, सरकार बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम चला रही है।
6. पोलियो नियन्त्रण-पोलियो की प्रभावदर को शून्य करने के लिए 5 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिमाह पोलियो की खुराक पिलाई जा रही है।
Question - 20 : - चिकित्सा की छ: भारतीय प्रणालियों की सूची बनाइए।
Answer - 20 : -
चिकित्सा की भारतीय प्रणाली में निम्नलिखित छः व्यवस्थाएँ हैं
1. आयुर्वेद।
2. योग।
3. यूनानी।
4. सिद्ध।
5. प्राकृतिक चिकित्सा।
6. होम्योपैथी।